SHRI KRISHNA JANMASHTAMI: कहीं सोने तो कहीं चांदी के झूले पर विराजमान होंगे लड्डू गोपाल, 75 हजार कीमत का है सोने का झूला
लखनऊ/ कानपुर। जन्माष्टमी के अवसर पर बाजार भगवान कृष्ण की मिट्टी की मूर्तियों के साथ ही सोने-चांदी और पीतल की मूर्तियों व झूलों आदि से सज चुकी है। कहीं मिट्टी के खेल-खिलौने झांकी सजाने के लिए मिल रहे हैं तो कहीं सोने-चांदी के झूले आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इस मौके पर ज्वैलरी शॉप पर लोग आर्डर देकर सोने-चांदी के झूले व लड्डू गोपाल बनवा रहे हैं। इस सम्बंध में पुष्पेंद्र जायसवाल, अध्यक्ष अखिल भारतीय स्वर्णकार विकास परिषद ने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर लड्डू गोपाल के चांदी और सोने के झूले बाजारों में उपलब्ध हैं। लोग ऑर्डर देकर भी बनवा रहे हैं। चांदी के मुकुट, चांदी की बांसुरी आदि की बिक्री जमकर हो रही है।
बता दें कि जन्माष्टमी के अवसर पर 500 ग्राम चांदी का झूला ₹36000 में, चांदी का झूला ढाई सौ ग्राम वजन का ₹17500 के करीब और सोने का झूला डेढ़ सौ ग्राम का ₹750000 में बाजार में उपलब्ध है। मालूम हो कि इस बार 30 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस बार अष्टमी तिथि और रोहणी नक्षत्र के संयोग की वजह से एक ही दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है।
वैसे अधिकतर दो दिन के लिए यह पर्व मनाया जाता था। बता दें कि रात 12 बजे लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना कर उनका जन्मोत्सव मनाते हैं। आचार्यों के मुताबिक रात 12 बजे से कुछ समय पहले नार वाले खीरे में लड्डू गोपाल को रख दिया जाता है और 12 बजते ही मूर्ती को खीरे से निकाल कर पंचामृत और शुद्ध जल से स्नान कराकर वस्त्र आदि पहनाकर श्रंगार किया जाता है। इसके बाद भगवान को भोग लगाकर आरती की जाती है। इसी के साथ इस दिन झांकी सजाने का भी प्रचलन है। इसके माध्यम से भगवान के जन्म समय को दर्शाया जाता है। बता दें कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। जब धरती पर पाप, अत्याचार बढ़ गया था, तब भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण का अवतार लेकर धरती पर जन्म लिया था और सम्पूर्ण मानव जाति को इससे छुटकारा दिलाया था।