रक्षाबंधन का रविवार कनेक्शन: भाई को बांधें इस रंग की राखी सूर्य होगा मजबूत
अर्चना शुक्ला। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त, दिन रविवार को पड़ रहा है। भारतीय ज्योतिष की मानें तो रविवार के दिन पड़ी श्रावणी पूर्णिमा का एक अलग ही महत्व मानवजीवन में होता है। चूंकि यह दिन सूर्य भगवान का है, इसलिए इस दिन जनमानस को चाहिए कि सुबह भगवान सूर्य की पूजा-आरती व सूर्केय भगवान को जल अर्पित करने के बाद रक्षाबंधन पर्व की शुरूआत करें।
इस सम्बंध में ज्योतिषाचार्य व वास्तुविद पंडित दीपक पाण्डेय बताते हैं कि भारतीय ज्योतिष की मानें तो सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। अर्थात दिल धड़कने का कारक माना गया है। सूर्य का सीधा सम्बंध हमारे दिल से होता है। अगर हमारा दिल सही तो हम हमेशा स्वस्थ्य रहेंगे। दरअसल सूर्य से निकलने वाली किरणों में से जो नारंगी रंग वह भुवन भाष्कर सूर्य को अत्यंत प्रिय है।
इस रक्षाबंधन जो रविवार के दिन का अतिसंयोग बना है, उसका लाभ बड़ी आसानी से उठाया जा सकता है। बस इस दिन नारंगी व लाल रंग का इस्तेमाल अधिक से अधिक कर लें। भाई की कलाई में नारंगी अथवा लाल रंग की राखी बांधें, हो सके तो लाल व नारंगी रंग का वस्त्र पहन कर भाई को राखी बांधे और भाई भी इसी रंग का वस्त्र पहनें।
कुंडली में सूर्य कमजोर है तो, अवश्य करें ये उपाए
जिसकी जन्मपत्रिका में सूर्य कमजोर है तो उसके लिए इस बार का रक्षाबंधन का दिन अत्यंत फलकारी रहेगा, अगर नारंगी व लाल रंग का इस्तेमाल करते हैं तो। पंडित दीपक पाण्डेय बताते हैं कि सूर्य को मजबूत करने के लिए इस दिन न केवल भारत बल्कि अन्य देशों के लोग भी विष्णु प्रिया को रक्षासूत्र बांधने के बाद भाई को वही रक्षासूत्र बांधें तो सूर्य मजबूत होगा। यह प्रक्रिया करने के बाद आप महसूस करेंगे कि आपके जीवन के 13 महीने उत्साह वर्धक हो जाएंगे। इस दौरान समान में आपका मान-सम्मा, यश, प्रतिष्ठा तो बढ़ेगी ही, साथ ही रोगों से मुक्ति भी मिलेगी। अगर इस दिन नारंगी अथवा लाल रंग का वस्त्र पहनकर रक्षाबंधन का पर्व मनाएं तो और पूरे घर-परिवार की जन्मपत्रि का सूर्य मजबूत होगा।
देखें सूर्य कमजोर होने से क्या है हानि और मजबूत होने से क्या है लाभ
अगर जन्मपत्रिका में सूर्य कमजोर है तो आपका कोई भी काम नहीं होगा। अड़चने आती रहेंगी। आप निराशा महसूस करेंगे और रोगों से घिरे रहेंगे। अगर कुंडली का सूर्य मजबूत है तो आपको समाज में कोई ऊंचा पद मिलेगा और समाज में मान, सम्मान बढ़ेगा। रोगों से मुक्ति मिलेगी। जिस कार्य को करने का विचार करेंगे, उसे होने में देर नहीं लगेगी।