LUCKNOW: बालिका बाल गृह से संवासिनियों के भागने का सिलसिला जारी
लखनऊ। नाका क्षेत्र के मोतीनगर स्थित बालिका बाल गृह से संवासिनियों के भागने का सिलसिला जारी है। हाल ही में पांच संवासिनियां भाग गई थीं, इसी तरह की घटना शनिवार को भी सामने आई है। इस बार एक संवासिनी संस्था से भाग गई है। इसके पीछ अधीक्षिका और स्टाफ की घोर लापरवाही बताई जा रही है। सत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संवासिनी शुक्रवार रात 10 या उसके बाद भागी है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि संवासिनी के निकलने की कोई खबर संस्था के कर्मचारी को कैसे नहीं हुई। फिलहाल पुलिस हर नजरिए से घटना की छानबीन कर रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार तड़के एक 15 वर्षीय संवासिनी बालिका बाल गृह से फिर भाग निकली। कर्मचारी की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। इसी के साथ पुलिस ने बालिका गृह और उसके आस- पास के घरों व सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालनें में जुॉ गई है। इंस्पेक्टर नाका मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बाल गृह बालिका के कर्मचारियों की सूचना पर सुबह एक टीम भेजी गई थी।
फिलहाल घटना की पूरी पड़ताल की जा रही है। संवासिनी किधर से औऱ कैसे भागी है। इस मामले में कर्मचारियों ने जानकारी दी कि सुबह करीब 6 बजकर 30 मिनट पर जब संवासिनियों की गिनती की गई, तो एक संवासिनी कम पाई गई। इसके बाद संस्था के अंदर संवासिनी की खोजबीन की गई लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद ही करीब 9 बजकर 30 मिनट पर पुलिस को सूचना दी गई। अधीक्षिका मिथलेश कुमारी ने बताया कि जो संवासिनी भाग गई है, उसे बीते 13 अगस्त को बाल कल्याण समिति के माध्यम से बहराइच से यहां लाया गया था, तब से वह यहीं रह रही थी। संवासिनी मूल रूप से दिल्ली के मंगोलपुरी एच ब्लाक की रहने वाली है। इंस्पेक्टर ने बताया कि दो टीमें गठित करके संवासिनी की तलाश की जा रही है।
डेढ़ महीने पहले भी हो चुकी है इसी तरह की घटना
डेढ़ महीने पहले चार जुलाई की भोर में भी पांच संवासिनियां दीवार के सहारे लगे वासबेसिन पर चढ़कर भाग निकलीं थीं। बाहर निकलते समय उनकी हरकत सीसी कैमरे में भी कैद हो गई थीं। आलाधिकारियों ने बालिक गृह का निरीक्षण भी किया था। इसके बाद परिसर में लगी वासबेसिन भी तोड़ दी गई थी, ताकि दोबारा भागने के लिए संवासिनियां इसका सहारा न ले सकें। इन भागी हुई पांचों संवासिनियों को नाका पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर हफ्ते भर में सीतापुर और गोंडा समेत कई अन्य जनपदों से बरामद कर लिया था।
बड़ा सवाल, संवासिनियों पास कहां से आए मोबाइल
बालिका बाल गृह में संवासिनियों को मोबाइल रखने का कोई प्राविधान नहीं है, लेकिन जब चार जुलाई को संवासिनियां भागीं थीं, तो उनके पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ था। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कर्मचारी उनकी मदद करते हैं और उनकी मदद से ही वे मोबाइल रिचार्ज भी कराती हैं। अब यहां यह भी सवाल उठता है कि इसके लिए उनके पास पैसे कहां से आते हैं। फिलहाल ऐसे ही तमाम बिंदु है, जो संवासिनी गृह की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करते हैं।
अधीक्षिका को क्या है एलर्जी
जानकारी के मुताबिक अधीक्षिका मिथलेश कुमारी को नियमतः संस्था में ही रहना चाहिए। यह नियम है कि जो भी अधीक्षिका होगी, उसे संस्था में ही रहना होगा, बावजूद इसके वह कानपुर से प्रतिदिन ड्यूटी करने यहां आती हैं औऱ संस्था में नहीं रहतीं। संस्था सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ के भरोसे चलाई जा रही है।