यूपी एमएलसी चुनाव में भाजपा ने जो बनाया है रिकॉर्ड, वो उत्तर प्रदेश में कभी न कर पाई सपा-बसपा, 40 साल में पहली बार किसी पार्टी को मिली पूर्ण बहुमत, देखें कैसी होगी विधान परिषद की तस्वीर, जाने क्या कहते हैं आंकड़े
लखनऊ। यूपी में एमएलसी चुनाव के रिजल्ट मंगलवार को सामने आ गए और स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद की 36 सीटों के चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज कराते हुए अपने खाते में 36 में से 33 सीटें कर लीं। इसी के साथ भाजपा को विधान परिषद में पूर्ण बहुमत मिल गया। ऐसा 40 साल बाद पहली बार हुआ है कि जब यूपी विधान परिषद में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत से भी अधिक वोट हासिल हुए हों। फिलहाल ये रिकॉर्ड भाजपा के नाम दर्ज हो गया है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक अब से पहले 1982 में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत था। यूपी विधान परिषद (एमएलसी) में 100 सीटें हैं। इनमें से 36 सीटों के लिए चुनाव हुए, जिसमें से नौ सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की। जिन 27 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से 24 पर भाजपा को जीत मिली। तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीत गए। विधान परिषद में बहुमत का आंकड़ा 51 का है। अब भाजपा के 67 एमएलसी हो चुके हैं। अर्थात बहुमत के आंकड़े से भी 16 ज्यादा।
देखें विधान परिषद की तस्वीर अब होगी कैसी
विधानपरिषद चुनाव के नतीजे आने के बाद परिषद में भाजपा के अब 67 सदस्य हो जाएंगे। समाजवादी पार्टी के 17, बसपा के चार, कांग्रेस के एक, अपना दल (सोनेलाल) के एक सदस्य। इसके अतिरिक्त दो शिक्षक एमएलसी, पांच निर्दलीय और एक निषाद पार्टी के सदस्य हैं। अभी दो सीटें खाली हैं।
प्रधानमंत्री का पहुंचा संदेश
एमएलसी चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत होने के तुरंत बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई संदेश भेजा है। पीएम मोदी ने लिखा कि ‘उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनावों में सभी विजयी उम्मीदवारों को बहुत-बहुत बधाई। यह जीत एक बार फिर भाजपा के विकास मॉडल पर जनता-जनार्दन के विश्वास की अभिव्यक्ति है। योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के साथ ही पार्टी संगठन से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं को ढेरों शुभकामनाएं।’
देखे क्या कहते हैं आंकड़े
अगर उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद चुनावों के नतीजों की आंकड़ों की बात करें तो, आंकड़े बताते हैं कि सत्ताधारी पार्टी ही इसमें हमेशा आगे रही है। 2004 में जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे, तब समाजवादी पार्टी ने 36 में 24 सीटें जीती थीं। 2010 में मायावती मुख्यमंत्री थीं, तब बसपा ने 36 में 34 सीटें हासिल की थीं। 2016 में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब सपा ने 31 सीटों पर जीत हासिल की थी। तब आठ सीटों पर निर्विरोध ही सपा प्रत्याशी जीत गए थे।
2018 में तो यह आलम था कि 13 सदस्य निर्विरोध ही चुनाव जीत गए थे। इसमें योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा समेत 10 सदस्य भाजपा के थे। इसके अलावा अपना दल (सोनेलाल) और सपा के एक-एक सदस्य भी चुने गए थे। 2020 में शिक्षक एमएलसी के चुनाव हुए थे। तब छह सीटों में से तीन पर भाजपा, एक पर सपा और दो पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। 2020 में भी पांच एमएलसी की सीटों के लिए चुनाव हुए थे, तब भी तीन पर भाजपा और एक पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। तो वहीं 2021 में भाजपा के चार सदस्यों को राज्यपाल ने नामित किया था।
देखें कहां से कौन जीता
सीट प्रत्याशी (पार्टी)
रामपुर-बरेली महाराज सिंह (भाजपा)
मुरादाबाद-बिजनौर सतपाल सैनी (भाजपा)
रायबरेली दिनेश प्रताप सिंह (भाजपा)
पीलीभीत-शाहजहांपुर डॉ.सुधीर गुप्ता (भाजपा)
सीतापुर पवन सिंह (भाजपा)
लखनऊ-उन्नाव रामचंद्र प्रधान (भाजपा)
बहराइच प्रज्ञा त्रिपाठी (भाजपा)
प्रतापगढ़ अक्षय प्रताप सिंह (निर्दलीय)
सुल्तानपुर- अमेठी शैलेंद्र प्रताप सिंह (भाजपा)
बाराबंकी अंगद सिंह (भाजपा)
जौनपुर बृजेश सिंह प्रिंसू (भाजपा)
आजमगढ़-मऊ विक्रांत सिंह रिशु (निर्दलीय)
गाजीपुर विशाल सिंह (भाजपा)
झांसी-जालौन-ललितपुर रमा निरंजन (भाजपा)
वाराणसी अन्नपूर्णा (निर्दलीय)
इलाहाबाद-कौशांबी डॉ. केपी श्रीवास्तव (भाजपा)
इटावा-फर्रुखाबाद प्रांशुदत्त द्विवेदी (भाजपा)
कानपुर-फतेहपुर अविनाश सिंह (भाजपा)
मुजफ्फरनगर-सहारनपुर वंदना वर्मा (भाजपा)
आगरा-फिरोजाबाद विजय शिवहरे (भाजपा)
मेरठ-गाजियाबाद धर्मेंद्र भारद्वाज (भाजपा)
बस्ती-सिद्धार्थनगर सुभाष यदुवंश (भाजपा)
गोंडा-बलरामपुर अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू सिंह (भाजपा)
फैजाबाद हरिओम पांडेय (भाजपा)
बलिया रविशंकर सिंह ‘पप्पू’ (भाजपा)
गोरखपुर-महाराजगंज सीपी चंद (भाजपा)
देवरिया-कुशीनगर डॉ रतन पाल सिंह (भाजपा)
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