शोधपरक कृति “तुलसी साहित्य में पर्यावरण दर्शन” का विमोचन, श्रीरामचरितमानस ने भी पर्यावरण बचाने को दिया है संदेश
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में शोधपरक कृति “तुलसी साहित्य में पर्यावरण दर्शन” के विमोचन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह कृति डा.कृष्ण गोपाल दीक्षित दद्दा तथा डा.दया दीक्षित के शोध के बाद लिखी गई है। इस मौके पर गौतमबुद्ध नगर से पधारे मानस क्रांति पत्रिका के संपादक मुख्य अतिथि हरिओम शर्मा ने कहा कि तुलसी साहित्य में तुलसी का पर्यावरण प्रेम वंदनीय है। हम सभी को पर्यावरण से प्यार करना चाहिए और इसे अपनी पीढ़ियों के लिए बचाने को सार्थक कदम उठाना चाहिए।
कार्यक्रम का आययोजन जयनारायण विद्या मंदिर इण्टर कालेज, कानपुर में किया गया, जिसका संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुषमा सिंह (आगरा) की अध्यक्षता तथा चक्रधर शुक्ल के संचालन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर शेषपाल सिंह शेष (आगरा), डॉ. मधुरबाला यादव, मृत्युंजय अवस्थी, डॉ.लक्ष्मी शर्मा, जयराम जय व संजय देव ने भी पर्यावरण पर अपने विचार व्यक्त किए।
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कृतिकार डॉ. कृष्ण गोपाल दीक्षित दद्दा ने कहा कि मुझे मानस के प्रत्येक काण्ड में पर्यावरण से संबंधित दोहे चौपाई सोरठे दिखायी दिये , डॉ. दया दीक्षित ने कृति के बारे में विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर पर्यावरण केन्द्रित काव्य गोष्ठी में ओम प्रकाश सूर्य (आगरा), संतोष कुमार मिश्र ( हैदराबाद), हरीलाल मिलन, गुरूप्रकाश सरस,अशोक बाजपेई, रमेश दीक्षित, डॉ.मधु प्रधान, वीना उदय, पूनम दीक्षित, नमिता दीक्षित आदि ने काव्यपाठ किया। अंत में अनंतिम पत्रिका के संपादक सतीश गुप्त ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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