Tulsi Vivah: लव-लाइफ और दाम्पत्य जीवन को खुशहाल बना देंगे ये 4 उपाय, इसे करे तुलसी विवाह के दिन

November 20, 2023 by No Comments

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Tulsi Vivah: कार्तिक (Kartik) शुक्ल एकादशी (ekadashi) को ही तुलसी विवाह का आयोजन होता है। इसी दिन भगवान विष्णु भी चार मास की निद्रा से जागते हैं। इसीलिए इस दिन को देवउठनी, देवोत्थानी व हरिप्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस बार देवउठनी एकादशी 23 नवम्बर को पड़ रही है और इसी दिन तुलसी विवाह (tulsi vivah) सम्पन्न होगा।

आचार्य सुशील शास्त्री बताते हैं कि एकादशी को ही शालिग्राम से साथ तुलसी माता (पौधे) का विवाह करने का विधान शास्त्रों में दिया गया है। हालांकि कुछ लोग कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन भी तुलसी विवाह करते हैं। वैसे तो हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा पर ही तुलसी विवाह की पद्धति प्रचलित है। भले ही लोगों को तुलसी का पौधा एक साधारण सा पौधा लगे, लेकिन भारतीयों व हिंदुओं के लिए यह गंगा-यमुना की तरह ही पवित्र है। बिना तुलसी दल (पत्ती) के पूजा कार्यक्रम सम्पन्न नहीं होते।

तुलसी जी को विष्णु प्रिया भी कहा गया है। इसके लिए एक पौराणिक कथा प्रचलित है। वैसे तो तुलसी जी के विवाह के लिए कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि सबसे ठीक मानी गई है। धर्म शास्त्रों की मानें तो नवमी, दशमी, एकादशी को व्रत एवं पूजन कर दूसरे दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को दान करना शुभ होता है, लेकिन कुछ लोग एकादशी से पूर्णिमा तक तुलसी पूजन करके पांचवें दिन तुलसी की विवाह करते हैं। तुलसी विवाह की यही पद्धति भारतीयों में अधिक प्रचलित है। इसलिए अगर किसी वजह से एकादशी को तुलसी विवाह नहीं कर सके हैं तो पूर्णिमा को माता तुलसी का विवाह विष्णु भगवान के पत्थर रूप शालिग्राम से कर सकते हैं। कहते हैं कि तुलसी के पौधे को प्रतिदिन जल देना स्वास्थ्य के लिए उत्तम रहता है। तुलसी के कारण आस-पास की वायु भी शुद्ध रहती है, साथ ही औषधि के लिए भी तुलसी का पौधा अत्यंत गुणकारी माना गया है।

24 नवम्बर को भी कर सकते हैं तुलसी विवाह
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भी तुलसी विवाह होता है. इस साल तुलसी विवाह 24 नवंबर शुक्रवार को है. तुलसी विवाह को पूरे दिन अबूझ मुहूर्त होता है, इसलिए आप पूरे दिन शुभ कार्य कर सकते हैं और यह विवाह के लिए अच्छा माना जाता है. मान्यता है कि तुलसी विवाह का आयोजन शाम के समय में करते हैं. उस समय पूजा करते वक्त आप कुछ आसान ज्योतिष उपायों को करके अपने वैवाहिक या लव लाइफ में खुशहाली ला सकते हैं. तो वहीं आचार्यों का मानें तो जिन लोगों के विवाह में कोई समस्या है या शादी में देरी हो रही है तो इन उपायों से लाभ पा सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने मीडिया को बताया कि, तुलसी विवाह के दिन किए जाने वाले ज्योतिष उपायों के बारे में-

देखें उपाय

  1. अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

आचार्य बताते हैं कि, यदि आप अपने जीवन में अखंड सुख, सौभाग्य और संतान प्राप्ति की मनोकामना रखते हैं तो आप तुलसी विवाह वाले दिन शाम के समय में भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी का विवा​ह कराएं और तुलसी की पूजा करें. शालिग्राम भगवान विष्णु के दूसरे स्वरूप हैं और तुलसी को लक्ष्मी के समान माना जाता है. इनकी कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

  1. इस उपाय से दूर होंगी दांपत्य जीवन या लव लाइफ की समस्याएं

यदि आपका दांपत्य जीवन या लव लाइफ ठीक नहीं चल रही है. पार्टनर के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं, प्रेम और आपसी समझ की कमी है तो ऐसे में आप तुलसी विवाह के दिन अपने पार्टनर के साथ तुलसी माता और शालिग्राम की विधि विधान से पूजा करें और तुलसी मंगलाष्टक का पाठ करें. इस उपाय से आपका रिश्ता और प्रेम संबंध मजबूत होंगे. आपके दांपत्य जीवन या लव लाइफ की समस्याएं दूर हो जाएंगी.

  1. शीघ्र विवाह के लिए करें ये उपाय

मान्यता है कि, जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है, शादी होने में कोई न कोई समस्या आ जाती है, वे लोग तुलसी विवाह के दिन शालिग्राम और तुलसी के विवाह का आयोजन करें. तुलसी माता को चुनरी, चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, लाल साड़ी जैसे सुहाग सामग्री अर्पित करें. पूजा के अगले दिन उन सामग्री को किसी सुहागन स्त्री को दान कर दें. इस उपाय को करने से विवाह के योग बनेंगे. हालांकि कई जगहों पर आचार्य कहते हैं कि तुलसी जी को लाल चुनरी की जगह पीली चुनरी ओढाएं तो अधिक अच्छा रहता है. लाल चुनरी ओढ़ाने से बचें.

  1. सुख और समृद्धि के लिए उपाय
    तुलसी विवाह के दिन भक्त तुलसी की पूजा करें और घी का दीपक जलाएं. पानी में तुलसी के पत्ते डालकर रखें. फिर उस पानी को पूरे घर में छिड़क दें. इस उपाय से घर की नकारात्मकता दूर होगी. जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ेगी और जीवन को नई ऊर्जा मिलेगी.

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)