LUCKNOW CRIME: पुलिस के चक्रव्यूह में फंसे तीन श्रीकृष्ण मूर्ति चोर, करोड़ों की हैं अष्टधातु की दुर्लभ मूर्तियां
लखनऊ। भगवान श्रीकृष्ण की अष्टधातु की मूर्तियों को बेचने के लिए लखनऊ पहुंचे तीन तस्कर सरोजनीनगर पुलिस के चक्रव्यूह में फंस गए। सुराग मिलने के बाद सादे कपड़ों में पहुंची सरोजनीनगर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि ये मूर्तियां अति दुर्लभ और बेसकीमती अष्टधातु की बनी हुई हैं, जिनका वजन चार किलो, 100 ग्राम है। इसे जन्माष्टमी पर बिक्री के लिए राजधानी लाया गया था। पुलिस अब गिरोह के सरगना की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है।
मूर्तियों के बारे में सरोजनीनगर पुलिस को कुछ मूर्ति तस्करों के बारे में शनिवार रात को जानकारी मिली थी। इसके बाद डीसीपी मध्य डा. ख्याति गर्ग ने इंस्पेक्टर सरोजनीनगर महेंद्र कुमार सिंह की निगरानी में एक पुलिस टीम गठित की। सर्विलांस टीम में आशीष कुमार और गोविंद को सक्रिय किया गया। इसके बाद अभियाने में जुटी पुलिस टीम ने सबसे पहले तस्करों से फोन पर बात की और खुद को व्यापारी बताया। तीनों तस्कर श्रीकृष्ण भगवान की मूर्ति लेकर सरोजनीनगर इलाके में बेचने के लिए पहुंच गए।
पुलिस ने ट्रांसपोर्ट नगर को जाने वाले मार्ग पर तस्करों को बुलाया और खरीददार बनकर एक पुलिस कर्मी उनसे बात करने लगा। तभी पीछे से आई पुलिस टीम ने तीनों को धर दबोचा। चोरों के पास से भगवान श्रीकृष्ण की पीली धातु की मूर्ति बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि गाहे-बगाहे बेशकीमती मूर्तियों की चोरी की खबरें आती रहती हैं और चोर पकड़े भी जाते हैं, लेकिन बड़े सरगना बच कर निकल जाते हैं। इसी वजह से उनका धन्धा फलता-फूलता रहता है। मिली जानकारी के मुताबिक इन मूर्तियों की अन्तरराष्ट्रीय मार्केट में करोड़ों की कीमत है। लखनऊ में भी बड़े-बड़े ऐसे व्यपारी हैं, जो एंटिक का काम करते हैं।
गिरोह का सरगना जालौन में, खरीददार की भी लताश जारी
इंस्पेक्टर सरोजनीनगर महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में पता चला है कि गिरोह का सरगना जालौन का रहने वाला है। उसी ने इन्हें मूर्ति मुहैया कराई थीं। उसने उन लोगों को बताया था कि लखनऊ के टीपी नगर रोड पर एक व्यापारी शनिवार की रात को मिलेगा, और उनको फोन करके बुलाएगा। इस पर तीनों चोर सरगना के कहने पर मूर्ति की डिलीवरी देने लखनऊ पहुंचे थे। खरीदार कौन था तस्कर किसे मूर्ति देने आए थे। अभी इसकी जानकारी नहीं हो सकी है।
राधा की भी हो सकती है मूर्ती चोरों के पास
डीसीपी ने संभावना जताई है कि तस्कर गिरोह के पास राधाजी की भी मूर्ति हो सकती है। पकड़े गए चोरों ने पूछताछ में कुछ तथ्य पुलिस को बताए हैं। इसी के साथ पुलिस राधाजी की मूर्ति बरामद करने के साथ ही गिरोह के सरगना और अन्य चोरों की तलाश में जुट गई है। तस्करों ने बताया कि जन्माष्टमी के मौके पर इस मूर्तियों की मुंह मांगी कीमत उनको मिलनी थी।इसलिए उसकी डिलीवरी पहुंचाने आए थे।
इन चोरों को किया गया गिरफ्तार
रफीक खां, पुत्र बाबू खां निवासी बटरा, गौरिहार मध्यप्रदेश छतरपुर।
लाला उर्फ मोहम्मद हुसैन, निवासी फतेहपुर चांदपुर मेढ़ा।
पीर अली पुत्र रज्जाक अली उर्फ राज अली, निवासी बांदा नरैनी पलहरी।
पकड़ा गया था जैन तीर्थंकर महावीर की मूर्ति का भी गिरोह
सरोजनीगनर पुलिस 6 महीने पहले नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया से जैन धर्म के तीर्थंकर महावीर भगवान की मूर्ति भी बरामद कर चुकी है। इस मामले में सात तस्करों को पुलिस ने पकड़ा था। गिरोह में कानपुर का एक बाबा भी शामिल था। फिलहाल उसे पुलिस अभी तक नहीं पकड़ सकी है। पुलिस का कहना है कि श्रीकृष्ण भगवान की मूर्ति के साथ पकड़े गए तस्करों का कनेक्शन भी इनसे हो सकता है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है।
करोड़ों की होती हैं ये दुर्लभ मूर्तियां
चौक सर्राफा एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि जो भी तीस-चालीस साल पुरानी अष्टधातु की दुर्लभ मूर्तियां होती हैं। उनकी कीमत करोड़ों से कम नहीं होती। पुलिस को गिरोह के सरगना को जरूर गिरफ्तार करना चाहिए। क्योंकि भगवान की मूर्तियां आस्था का केंद्र होती हैं। जब भी मंदिरों से मूर्तियाम चुराई जाती हैं तो धार्मिक भावनाओं के ठेस पहुंचती है।