Lucknow: UP के पूर्व CM अखिलेश यादव को CBI का नोटिस, किया गया तलब, सपा प्रमुख ने दी पहली प्रतिक्रिया
Lucknow: उत्तर प्रदेश से पूर्व सीएम व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) ने गवाह के तौर पर तलब किया है। उनको अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया है. कल (29 फरवरी) को दिल्ली में सीबीआई के सामने उनको पेश होना होगा. इस सम्बंध में अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले चुनाव से पहले भी एक नोटिस आया था और इस चुनाव में भी एक नोटिस आया है। तो वहीं सीबीआई की इस नोटिस को लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि बता दें कि खनन के पुराने मामले में सीबीआई लम्बे समय से जांच कर रही है.
बता दें कि अखिलेश यादव अक्सर ही ये बात कहते हैं कि, उन्हें कांग्रेस की सरकार ने पहले ही सीबीआई क्लब में डाल दिया है और अब भाजपा भी वही काम कर रही है। हालांकि इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ है. सपा ने कांग्रेस को गठबंधन के तहत 17 सीटें दी हैं। तो वहीं, भाजपा का दावा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहेगी।
जानें क्या है मामला
मीडिया सूत्रों के अनुसार सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 2019 जनवरी में दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ये एफआईआर 2012-2016 के बीच हमीरपुर में कथित अवैध खनन से संबंधित है. जनवरी 2019 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट और अन्य सहित कई अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि, सरकारी कर्मचारियों ने ही हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया. इस मामले के खिलाफ 28 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था और इसी के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज करने के साथ ही जांच भी शुरू कर दी थी. डीएम हमीरपुर के साथ ही जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट और अज्ञात लोगों के खिलाफ 120 बी, 379, 384, 420, 511। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 13(1), (d) के तहत केस दर्ज हुआ था. फिर 5 जनवरी 2019 को सीबीआई ने 12 जगहों पर छापेमारी की थी और भारी मात्रा में कैश व गोल्ड बरामद किया था. इसी मामले में बतौर गवाह सीबीआई ने सीआरपीसी 160 के तहत अखिलेश को बुलाया है. बता दें कि जिस समय ये मामला हुआ था उस समय सपा प्रमुख अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक यूपी के मुख्यमंत्री थे. वहीं, 2012 से 2013 तक वह राज्य के खनन मंत्री थे. हालांकि इस पूरे मामले को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.