AKTU:कुलपति प्रो. प्रदीप मिश्र ने छात्रों से किया संवाद, कहा, अगर असफल होते हैं तो अपना आत्ममूल्यांकन करें और विकसित करें वैज्ञानिक दृष्टिकोण, समाज की सोच के खांचे से निकलें बाहर, देखें क्या दिए सफलता के 10 मंत्र
लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र शुक्रवार को शिक्षक की भूमिका में रहे। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद किया और सफलता का मंत्र बताते हुए आगे बढ़ने का फलसफा साझा किया। उन्होंने कहा कि आप जो भी इमानदारी से करने के लिए ठान लेंगे और उसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएंगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी। कुलपति आईईटी में बीटेक प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए आयोजित स्वयं को पहचानों विषय पर बोल रहे थे।
देखें कुलपति ने किया दिए सफलता के मंत्र
कोई भी काम छोटा नहीं होता। बस हम यह सोच कर करने से डरते हैं कि लोग क्या कहेंगे। समाज की इस सोच के खांचे से बाहर निकलिए।
दिल लगाकर कोई भी काम करेंगे सफलता मिलनी तय है। आप अपने शिक्षक स्वयं हैं। इस दुनिया में कोई भी काम कठिन नहीं है बस उसे करने का जज्बा होना चाहिए।
छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमेशा अच्छा करने की सोच के साथ कुछ ऐसा करिये जिससे परिवार, समाज और देश का नाम रौशन हो।
जब भी आप कोई लक्ष्य बनाते हैं तो उसे पूरा करने के लिए पूरी तैयारी करिये फिर आगे बढ़िये। यदि इसके बाद भी सफलता नहीं मिलती है तो आत्ममूल्यांकन करिए कि आखिर चूक कहां हो रही है। जब आप अपनी कमियों को देखना सीख जाएंगे तो लक्ष्य दूर नहीं रहेगा।
समस्या आप से बड़ी नहीं हो सकती। खुद पर यकीन करिये और हमेशा संघर्ष करते रहिये और जीत को लेकर हमेशा निश्चिंत रहिये।
तनाव कभी भी मत रखिये।
किसी भी काम को करें तो ईमानदारी से करें, तभी सफलता मिल सकेगी।
खुद पर रखें भरोसा
कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने छात्रों को खुद पर विश्वास रखने को कहा। बताया कि जब भी आप कुछ अच्छा करते हैं तो तमाम तरह की रूकावटें आती रहती हैं मगर इससे रूकना नहीं है बल्कि खुद पर विश्वास करते हुए आगे बढ़ते रहिये। अपनी क्षमताओं को हमेशा बढ़ाने पर जोर रखिये। साथ उन्होंने छात्रों को टीम भावना रखने की सलाह दी।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करें
उन्होंने छात्रों से अपने व्यक्तित्व में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करने की सलाह दी। कहा कि हमेशा इस बात का ध्यान रखिये कि जो आंखों से दिखता है और कानों से सुनाई देता है वही सत्य नहीं है। इसलिए किसी भी चीज को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने और समझने की क्षमताओं का स्वयं में विकास करिये।
नवाचार पर रखें जोर
भारत के विश्वगुरू बनने में नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका है। नवाचार से ही हम कुछ अलग कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों से नवाचार के प्रति गंभीर होने की बात कही। कहा कि जब आप कुछ नया करते हैं तभी सही मायने में आपकी सोच दिखती है। अपना रास्ता खुद बनाइये तभी आप सही मायने में अपना योगदान देश की प्रगति में दे पायेंगे। कहा कि कुछ बनाइये कुछ बिगाड़िये तभी कुछ होगा। इस मौके पर आईईटी के निदेशक प्रो. विनीत कंसल, प्रो. एचके पालिवाल सहित अन्य शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।