जेल से बाहर आते ही अरविंद केजरीवाल का नया धमाका… बोले- दो महीने में सीएम योगी… Video
Arvind Kejriwal: दिल्ली के कथित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. शुक्रवार शाम को वह तिहाड़ जेल से बाहर आ गए, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही परिजनों ने उनका जोरदार स्वागत किया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बंदिशें भी लगाई हैं. अंतरिम जमानत अवधि के दौरान सीएम केजरीवाल को शीर्ष अदालत की उन शर्तों का पालन करना होगा.
तो वहीं जेल से बाहर आने के तुरंत बाद हनुमान मंदिर पहुंचे. उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। आप कार्यालय में सीएम केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जमकर भाजपा पर निशाना साधा और बम जैसा धमाका करते हुए कहा कि 50 दिन बाद सीधा जेल से आपके पास आया हूं, अच्छा लग रहा है। बजरंगबली की कृपा है। आप के शीर्ष नेताओं को जेल भेजा गया। मेरे को इन्होंने जेल भेज दिया। सबसे चोर लोगों को इन्होंने अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। आम आदमी पार्टी को कुचलने में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी
भाजपा खत्म कर देगी योगी आदित्यनाथ की राजनीति
केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कहा, प्रधानमंत्री मानते हैं कि भाजपा को चुनौती आम आदमी पार्टी देगी। पीएम मोदी ने एक खतरनाक मिशन शुरू किया है और वो है वन नेशन वन लीडर। इसके तहत वो सभी देश के नेताओं को ख़त्म करना चाहते हैं, सारे विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल देंगे और सभी भाजपा के नेताओं को निपटा देंगे, उनकी राजनीति खत्म कर देंगे. इसी के साथ ही केजरीवाल ने कहा कि मुझसे लिखवा लो- कुछ दिनों बाद ममता बनर्जी, स्टालिन, उद्धव ठाकरे, तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के सभी नेता जेल में होंगे. दिल्ली के सीएम ने दावा किया कि यूपी के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीति खत्म करने की साजिश की जा रही है। भाजपा जीत जाएगी तो योगी आदित्यनाथ की राजनीति खत्म करेंगे।
माननी होगी ये शर्तें
केजरीवाल दिल्ली का सीएम होते हुए भी मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे. सीएम केजरीवाल के सचिवालय जाने पर भी रोक रहेगी.
अरविंद केजरीवाल सरकारी फाइलों पर हस्तक्षर भी नहीं कर सकेंगे. हालांकि, यदि उपराज्यपाल को लगता है कि किसी फाइल पर मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर अनिवार्य है, तब उस परिस्थिति में केजरीवाल साइन कर सकते हैं.
दिल्ली की निरस्त आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉड्रिंग केस के गवाहों से बात नहीं कर सकेंगे.