Birthday in Sanatan Dharma:सनातन धर्म को मानने वाले जन्म दिन पर करें महामृत्युंजय मंत्र का जप और इस विधि से करें हवन, दूर होंगे कुंडली के दोष व ग्रहबाधा
आधुनिकता की अंधी दौड़ में लोग पाश्चात्य सभ्यता में खोते जा रहे हैं। अगर बात करें सनातन धर्म की तो ये भी इस अंधी दौड़ में शामिल हो गए हैं। इसीलिए जन्म दिन के अवसर पर केक काटना और नाइट पार्टी करना ही अपनी शान-शौकत समझ बैठे हैं। शायद ही कुछ प्रतिशत ऐसे लोग होंगे जो आज भी अपनी परम्परा को साथ ले कर चल रहे हैं और धार्मिक रूप से जन्म दिन जैसे महत्वपूर्ण अवसर को प्रभु कार्यों में रहते हुए मनाते हैं।

अक्सर लोग कुंडली और ग्रहबाधा के दोषों को लेकर परेशान रहते हैं और फिर कहते हैं कि उनका काम नहीं हो रहा है। अगर जन्म दिन के अवसर पर प्रभु कार्य किए जाएं, तो पग-पग पर आने वाली बाधा निश्चय ही धीरे-धीरे कर कट जाएगी और फिर करियर में सफलता मिलेगी। इस लेख में आचार्य विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि जन्म दिवस के अवसर पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए घी, दूध, शहद और दूर्वा घास के मिश्रण की आहुतियाँ डालते हुए हवन करना चाहिए। इससे जीवन की कठिनाइयाँ, समस्या या ग्रहबाधा दूर हो जाती है।

उन सभी का प्रभाव शांत हो जायेगा और आपके जीवन में उत्साह आने लगेगा। इसी के साथ कुंडली के दोष भी धीरे-धीरे कर शांत होते रहेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रहबाधा को दूर करने के लिए प्रत्येक शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ॐ नमः शिवाय का 108 बार जप करें। ऐसा करने से अकाल मृत्यु व दुर्घटना का भय भी समाप्त होता है। यह क्रिया 10 या 25 शनिवार तक की जा सकती है। इस तरह से लम्बी आयु प्राप्त होती है और शरीर में किसी तरह का रोग नहीं लगता।
DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)