भारी गोलीबारी के बीच ही टूट पड़े थे आतंकी पर…पढ़ें कहानी दिलवर खान की, मरणोपरांत मिला कीर्ति चक्र; वीरता पुरस्कार में ये नाम शामिल

January 25, 2025 by No Comments

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Dilwar Khan: कल पूरा देश 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. तो वहीं इसकी पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 मरणोपरांत समेत 93 सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी है जिसमें दो कीर्ति चक्र, जिनमें एक मरणोपरांत शामिल है. मरणोपरांत कीर्ति चक्र हिमाचल प्रदेश के शहीद दिलवर खान को मिला है.

इसके अलावा 14 शौर्य चक्र, जिनमें तीन मरणोपरांत शामिल हैं. एक सेना पदक (वीरता) के लिए व सात मरणोपरांत सहित 66 सेना पदक, दो नौसेना पदक (वीरता) और आठ वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पंजाब रेजिमेंट के मेजर मंजीत को अप्रैल 2024 में जम्मू-कश्मीर के सोपोर जिले में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान एक आतंकवादी को खत्म करने और फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा। इसी के साथ ही नायक दिलवर खान को भी कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा। इसी के साथ ही 14 वीरों को शौर्य चक्र प्रदान किए जाएंगे।

भारतीय थल सेना में थे गनर

23 जुलाई, 2024 को श्रीनगर के नजदीक आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना के जवान नायक दिलवर खान ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था. वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के रहने वाले थे. उनकी उम्र महज 28 साल थी. वह भारतीय थल सेना में गनर थे और इतनी कम उम्र में उन्होने अपने देश के लिए जान न्योछावर करने में जरा भी देरी नहीं लगाई थी. आज देश उनके इस बलिदान को याद कर उनको सलामी दे रहा है.

जानें क्या हुआ था 23 जुलाई 2024 को?

बता दें कि 23 जुलाई 2024 को कुपवाड़ा जिले के लोलाब घाटी के घने जंगलों में घात लगाकर किए गए हमले में नायक दिलवर खान भी शामिल थे. जिस टुकड़ी में वह शामिल थे उसने रात करीब 11:30 बजे दो आतंकवादियों को देखा, जिनमें से एक बहुत ही करीब था. इस पर भारतीय जवानों ने आतंकवादी पर गोली चलाई. तो वहीं अपनी टीम के लिए नज़दीकी आतंकवादी से गंभीर ख़तरा का अहसास करते हुए नायक दिलवर खान ने अपनी जान की परवाह नहीं की और भारी गोलीबारी के बावजूद झपट्टा मार कर आतंकवादी को पकड़ लिया. इसके बाद आतंकी के साथ उनकी हाथापाई हुई तो दूसरी ओर दूसरा आतंकवादी दूर से अंधाधुंध गोलीबारी करता रहा. इस दौरान दिलवर खान गंभीर रूप से घायल हो गए. गम्भीर रूप से चोटिल होने के बावजूद भी उन्होंने आतंकवादी को अपनी पकड़ से छूटने नहीं दिया और अपने घावों की वजह से उन्होंने दम तोड़ दिया लेकिन इससे पहले वीरता का परिचय देते हुए गोली चलाकर आतंकवादी को मार गिराया.

जानें कौन थे दिलवर खान?

दिलवर खान का जन्म मार्च 1996 में हिमाचल प्रदेश में हुआ था. उनके पिता का नाम करम दीन और मां का नाम भोलान बीबी है. उन्हें स्कूल के वक्त से ही भारतीय सेना में भर्ती होने का जुनून था. यही वजह रही कि वह 20 जनवरी 2014 को मात्र 18 साल की उम्र में ही वह भारतीय सेना में शामिल हो गए. हिमाचल प्रदेश के साथ पूरे देश को उन पर गर्व है. उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और हमेशा के लिए अमर हो गए.

इनको मिला शौर्य चक्र

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना के मेजर आशीष दहिया, मेजर कुणाल, सूबेदार विकास तोमर, सूबेदार मोहन राम, हवलदार रोहित कुमार डोगरा (मरणोपरांत), मेजर सत्येंद्र धनकड़, कैप्टन दीपक सिंह (मरणोपरांत) सहायक कमांडेट इशेथुंग किकोंण, सहायक दाभी संजय, हवलदार प्रकाश तमांग, वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।

तो दूसरी ओर इंस्पेक्टर जिफे हमीगुले, बीआरडीबी के विजय कुट्टी (मरणोपरांत) और सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।

ये दिए जाएंगे पुरस्कार

2 कीर्ति चक्र (1 मरणोपरांत)
14 शौर्य चक्र (3 मरणोपरांत)
8 वायुसेना मेडल (वीरता)
66 सेना मेडल (वीरता) (7 मरणोपरांत)
1 बार टू सेना मेडल (गैलेंट्री)
2 नौसेना मेडल (वीरता)

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