Full Body Checkup: क्या फुल बॉडी चेकअप कराना होता है सही या नहीं? रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
Full Body Checkup: वैसे तो फुल बॉडी चेकअप लोग इसीलिए कराते हैं कि इससे शरीर के सभी अंगों की जांच हो जाती है शरीर में कुछ गड़बड़ी है या नहीं ये सब पता चल जाता है. इसके तहत खून की जांच, यूरिन टेस्ट, एक्स-रे, मैमोग्राफी, MRI जैसे कई टेस्ट शामिल होते हैं. खुद को फिट रखने के लिए लोग अपना फुल बॉडी चेकअप करवाते हैं.
कई हेल्थ एक्सपर्ट्स इसको लेकर कहते हैं कि शरीर में क्या समस्याएं हैं, इसके लिए फुल बॉडी चेकअप कराया जाता है जो कि महंगा भी होता है. कई मामलों में तो MRI कराने के बाद भी कई दूसरे टेस्ट करवाने पड़ते हैं. जानकार कहते हैं कि एमआरआई टेस्ट का कोई फायदा ही नहीं मिलता है. इससे ब्रेन से जुड़ी बीमारियों का आसानी से पता लगाया जा सकता है. स्ट्रोक और रीढ़ की हड्डी की चोट भी पता चल सकती है, सिर्फ दिल की बीमारियों के मामले में यह फिसड्डी है. इससे बहेतर रिजल्ट सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी और ट्रेडमील टेस्ट में आते हैं.
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फिलहाल लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में हाल ही में फुल बॉडी चेकअप के फायदे को लेकर एक रिसर्च किया गया है जिसमें मालूम हुआ है कि हार्ट डिजीज के लिए MRI स्कैन कराने का कोई फायदा नहीं है. इससे कई बीमारियों का सही पता नहीं लग सकता है. हार्ट चेकअप में तो ये टेस्ट ज्यादा फायदेमंद नहीं है. इससे शरीर में हो रहे कुछ बदलावों की जानकारी तो लग जाती है लेकिन ज्यादातर लक्षणों का अंदाजा नहीं चलता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि MRI फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट भी देता है. ब्रेस्ट की बीमारियों में 1,000 स्कैन में कम से कम 97 गलत पॉजिटिव आए. वहीं, प्रोस्टेट के मामलों में 100 स्कैन में 29 गलत पॉजिटिव थे. रिसर्च कहता है कि एमआरआई स्कैन हार्ट डिजीज, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का सही पता नहीं लगा पाता है, जिससे उनसे बच सकें.
कई बार तो बिना डॉक्टर की सलाह के ही लोग बॉडी चेकअप करा लेते हैं. लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी की रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके तहत 16 हजार पार्टिसिपेंट्स का एमआरआई कराया गया जिसमें पता चला है कि MRI गंभीर बीमारियों में अधिक असरदार नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रेन के मामले में यह सही तरह काम करता है लेकिन जब बात हार्ट की आती है तो उतनी अच्छी जानकारी नहीं देता है, जितनी सीटी स्कैन और एक्स-रे.