Reverse Walking: क्या उल्टा चलने से कम होता है मोटापा? जानें क्या सलाह देते हैं एक्सपर्ट
Reverse Walking: सुबह-सुबह टहलने की सलाह चिकित्सक से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक देते हैं. कहा जाता है कि टहलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है. फिलहाल तो आगे की ओर चलते हुए ही टहलने की बात और इसके फायदे के बारे में अभी तक जाना था क्या उल्टा यानी पीछे चलना या फिर पीछे की ओर कदमों के साथ टहलना भी फायदेमंद हो सकता है क्या? एक्सपर्ट कहते हैं कि उल्टा चलने से वजन भी कम होता है और मेंटल हेल्थ के लिए ये रामबाण है.
इसी के साथ ही पीठ दर्द कम करने में मददगार होता है और घुटनों के लिए फायदेमंद होने के अलावा और भी कई परेशानियों को दूर कर सकता है. यकीन मानिए रिवर्स वॉक के कई फायदे हैं लेकिन यह नॉर्मल वॉकिंग के मुकाबले काफी मुश्किल भी है.
ये शब्द सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगे लेकिन इसके फायदे जानकर आप भी ‘मंत्रमुग्ध’ हो जाएंगे. एक्सपर्ट कहते हैं कि नॉर्मल वॉकिंग करने से पैरों पर इतना जोर नहीं पड़ता, जितना रिवर्स वॉकिंग से पड़ता है। इससे शरीर को बैलेंस रखने और स्ट्रेंथ बढ़ाने में मदद मिल सकती है, साथ ही दिमाग की एकाग्रता को बढ़ाने में लाभ मिलता है.
मेलबर्न के ला ट्रोब विश्वविद्यालय में फिजियोथेरेपी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ बार्टन ने भी बताया है कि पीछे की ओर चलना मांसपेशियों और शरीर को उन तरीकों से चुनौती देता है, जो हम आमतौर पर अनुभव नहीं करते हैं. आसान शब्दों में समझें तो, इससे शरीर और दिमाग के बीच एक मजबूत तालमेल बैठने में भी मदद मिलती है. एक स्टडी में ईस्ट लंदन विश्वविद्यालय के फिजियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ जैक मैकनामारा ने रिवर्स वॉकिंग को फायदेमंद बताया है.
इसको लेकर स्पोर्ट्स मेडिसिन इंटरनेशनल के जर्नल में एक रिपोर्ट पब्लिश हुई है, जिसमें रिवर्स वॉक बेहतरीन बताया गया है. इसी के साथ ही इसे असरदार कार्डियो एक्सरसाइज भी कहा गया है. बताया गया है कि यह वॉॉक नॉर्मल वॉक से ज्यादा असरदार है। हालांकि रिवर्स वॉक को थोड़ा रिस्की व कठिन भी माना जाता है. क्योंकि इससे पीछे कुछ दिखाई नहीं देता. इस वजह से अगर जरा सा भी सम्भलने में चूक हुई तो गिरने का भी डर रहता है या फिर किसे भिड़ जाने का भी डर रहता है, लेकिन एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि अगर एक बार आपकी प्रैक्टिस में ये आ गया तो फिर ये आसान हो जाता है.
इस तरह से अगर रिवर्स वॉकिंग को लेकर कुछ और रिपोर्ट्स देखी जाए तो पता चलता है कि इससे आपका शरीर और दिमाग के बीच के संतुलन को बेहतर बनता है. इससे शरीर का संतुलन भी बढ़ता है और दिमाग की एकाग्रता भी. नॉर्मल वॉक की जगह उल्टा चलने पर आपके दिमाग का पूरा ध्यान आपके शरीर के मूवमेंट पर होता है.