HIV Infection: देश के इस राज्य में 800 से अधिक छात्र पाए गए एचआईवी संक्रमित…मचा हड़कंप, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
HIV Infection: भारत के त्रिपुरा में एचआईवी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. खासतौर से छात्रों में एचआईवी के बढ़ते मामलों ने चिंता और भी बढ़ा दी है। ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) का संक्रमण एड्स रोग का कारण बनता है। मेडिकल क्षेत्र में आधुनिकता और वैज्ञानिक प्रयासों के चलते वैसे तो अब ये लाइलाज बीमारी नहीं रही है लेकिन इस संक्रामक रोग के कारण मृत्युदर बहुत अधिक देखा जाता रहा है। तो वहीं अब सामने आई एक रिपोर्ट से हड़कंप मच गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर के डेटा की रिपोर्ट के मुताबिक मई 2024 तक त्रिपुरा में एचआईवी संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 8,729 है। इनमें से 5,674 लोग जीवित बताए गए हैं, जिनमें 4,570 पुरुष, 1,103 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हैं। वहीं त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (टीएसएसीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि राज्य में एचआईवी से 47 छात्रों की मौत हो गई है और 828 छात्र एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। कई छात्र देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए त्रिपुरा से बाहर भी चले गए हैं। इसके अलावा त्रिपुरा एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने 220 स्कूलों, 24 कॉलेजों और कुछ विश्वविद्यालयों के छात्रों की पहचान की है जो इंजेक्शन के जरिए नशीली दवाओं का सेवन करते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए यही प्रमुख कारण हैं.
सम्पन्न परिवारों के हैं ये बच्चे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी दी कि अधिकांश मामलों में, संक्रमित पाए गए बच्चे संपन्न परिवारों से सम्बंध रखते हैं। ड्रग्स लेने और दूषित सूई के इस्तेमाल के कारण भी एचआईवी संक्रमण का जोखिम बढ़ता हुआ देखा जा रहा है।
जानें क्या है HIV संक्रमण
चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े जानकारों के मुताबिक, एचआईवी संक्रमण कई कारणों से हो सकता है इसमें दूषित सुई या सिरिंज के इस्तेमाल या संक्रमित व्यक्ति के खून के माध्यम से एक से दूसरे को संक्रमण, असुरक्षित यौन संबंध से भी इसका खतरा बढ़ता है. एचआईवी के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है जिससे अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
फिर हो जाता है एड्स
अगर इसका सही ढंग से इलाज न कराया जाए और कुछ महीनों या वर्षों तक ये बना रहे तो एचआईवी संक्रमण के कारण एड्स रोग हो सकता है। एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है और एचआईवी/एड्स का कोई पुख्ता इलाज भी नहीं है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि आप कुछ उपायों का पालन करके खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचा सकते हैं। जानकार कहते हैं कि अगर इस संक्रमण से बचना है तो सुरक्षित यौन संबंध बनाएं, सुनिश्चित करें कि इंजेक्शन के लिए हर बार साफ और नई सिरिंज का इस्तेमाल किया जाए. अगर गर्भवती में संक्रमण की पहचान हो जाए तो बच्चे में इस संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
इससे नहीं फैलता संक्रमण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि किसी को गले लगाने, चूमने, साथ में नाचने या हाथ मिलाने से एचआईवी या एड्स से संक्रमण नहीं होता है. डॉक्टर कहते हैं इसके संक्रमण के कारणों के बारे में सभी लोगों को जानकारी होना आवश्यक है। एचआईवी हवा, पानी या कीड़े के काटने से भी नहीं फैलता। आप किसी के साथ आकस्मिक संपर्क में आते हैं तो भी एचआईवी से संक्रमित नहीं हो सकते। बता दें कि इस खबर को सोशल मीडिया पर वायरल रिपोर्ट के आधार पर लिखा गया है, खबर स्टिंग इसकी पुष्टि नहीं करता.