Holi: किसी पर फेंका पानी का गुब्बारा तो हो सकती है जेल…जानें क्या कहता है कानून और कितनी मिलती है सजा?
Holi: रंगों का त्योहार होली अपने आप में एक खास त्योहार है. यह न केवल भाईचारे का संदेश देता है बल्कि बुराई पर अच्छाई का भी प्रतीक है. इस दिन लोग अपने घर परिवार व दोस्तों के साथ रंग खेलकर होली का त्योहार मनाते हैं तो वहीं अबीर-गुलाल लगाकर एक-दूसरे को गले लगाकर भाईचारे का भी संदेश देते हैं लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिनको रंग लगाना या लगवाना पसंद नहीं होता है.
ऐसे में जरूरी है कि हम उनकी भी भावनाओं का ख्याल रखें लेकिन कभी-कभी देखा जाता है कि अराजक तत्व इस त्योहार का फायदा उठाकर गलत इरादे से लोगों पर बलून में भरकर रंग फेंकते हैं जिससे किसी को भी चोट लग सकती है. हालांकि पिचकारी आदि से रंग डालना एक अलग बात है. कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं कि सड़कों पर गुजरने वालों पर लोग जबरन रंग फेंक देते हैं. हालांकि भारत में इसके खिलाफ भी कानून है जो इस तरह की हरकत करने वाले को जेल भी पहुंचा सकता है.
महिला पर फेंका गुब्बारा फेंकने पर होती है इतनी सजा
अगर होली पर आप किसी महिला पर पानी का गुब्बारा फेंकते हैं तो उसकी शिकायत पर बीएनएस की धारा 74 के तहत सम्बंधित व्यक्ति पर केस दर्ज हो सकता है. महिला की शालीनता और नैतिकता की भावना को अपमानित करने के मामले में केस दर्ज हो सकता है. इसके तहत 1 साल तक की जेल भी हो सकती है. जिसे 5 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है.
जेल और अर्थदंड
अगर होली पर कोई किसी पर पानी से भरा बलून फेंक कर चोट पहुंचाता है तो बीएनएस की अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज हो सकता है. बीएनएस की धारा 120 (1) के तहत जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाने के आरोप में उसे जेल भेजा जा सकता है. इसमें एक साल की जेल या फिर दस हजार रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है. या दोनों से दंड भुगतने पड़ सकता है.
इसी के साथ ही धारा 270, 292 और 293 के तहत भी रिपोर्ट दर्ज हो सकती है. सार्वजनिक उपद्रव फैलाने के लिए इन धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा सकता है. इसमें बीएनएस धारा 292 के तहत एक हजार रुपय तक का जुर्माना हो सकता है.