सफाई कर्मियों को समय पर वेतन न देने पर 18 प्रतिशत ब्याज के साथ करना होगा भुगतान, सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए बनी नई व्यवस्था के तहत लखनऊ को बांटा गया दो हिस्सो में, देखें नई व्यवस्था के महत्वपूर्ण बिंदु
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नागरिकों के साथ ही सफाइ कर्मियों के हित के मेयर संयुक्ता भाटिया ने मंगलवार को कई बड़े फैसले किए। पैर में फ्रैक्चर हो जाने के बावजूद वह प्रतिदिन शहर की सफाई व्यवस्था के लिए निरीक्षण कर रही हैं। मंगलवार को उन्होंने नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के साथ शहर की साफ-सफाई के लिए नई योजनाएं बनाने को लेकर चर्चा की और कहा कि आम जनमानस को बुनियादी नागरिक सुविधाएं जैसे स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण, नाले-नालियों की नियमित साफ-सफाई, समुचित मार्ग व्यवस्था, हरियाली एवं पार्का का विकास एवं अनुरक्षण, मार्ग प्रकाश, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था कराना नगर निगम लखनऊ के सर्वोच्च दायित्व है।
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मेयर ने दिए ये निर्देश
मेयर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त अजय द्विवेदी को आवास पर बुलाकर सफाई व्यवस्था में कार्यदायी संस्था को सीधे कार्य न देने एवं जेम पोर्टल से कार्यदायी संस्था के चयन की योजना बनाई। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण कार्य लेने के लिए सुचारू नियम बनवाने के निर्देश दिए जिससे सफाई व्यवस्था में लापरवाही और कर्मचारी कम लगाने सम्बन्धी अनियमितताओं से मुक्ति मिल सके इस पर चर्चा करते हुए कहा कि नई व्यवस्था के अनुरूप निगम के सफाई कर्मचारियों को नियमित वेतन भी महीने की 05 तारीख तक उनके खाते में दे दिया जाए और कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआई भी नियमित कर दिया जाए।
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मेयर ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया की नगर निगम और शासन में जो एजेंसीज कभी भी ब्लैकलिस्ट हुई होंगी तो वह ग्लोबल टेंडर में पार्टिसिपेट नही कर पाएगीं, सिर्फ स्वच्छ और पारदर्शी कार्यदायी संस्थाओं को ही कार्य दिया जाएगा। ब्लैकलिस्ट संस्थाओं के इतर अन्य कोई भी प्रक्रिया में सम्मिलित हो सकेगा।
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इस दौरान महापौर ने कहा कि जो सफाई कर्मचारी निगम में कार्य कर रहे है उनको भी संस्था द्वारा समायोजित किया जाएगा जिससे किसी सफाई कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। साथ ही सभी कर्मचारियों का आधार सहित आई-कार्ड भी जारी किया जाए ताकि वह किस वार्ड, हदबंदी और कहाँ कार्य कर रहे जिसमे उनकी यूनिक आई-डी के साथ ही आधार नंबर और फोन नंबर आदि भी डाला जाए।
मेयर ने कहा कि लखनऊ महानगर प्रदेश की राजधानी होने के कारण शहर में सांस्कृतिक, धार्मिक एवं राजनैतिक विशेष कार्यक्रम निरन्तर आयोजित होते रहते है तथा साथ-ही-साथ अति विशिष्ट व्यक्तियों का आवागमन बना रहा है। इस कारण नगर निगम लखनऊ के दायित्वों में वृद्धि होना स्वाभाविक है। इसलिए सफाई व्यवस्था से सम्बंधित सभी दायित्वों का बेहतरी के साथ नगर निगम को निर्वहन करना होगा। इस मौके पर सभी सफाई कर्मियों व श्रमिकों को अब जेम पोर्टल के जरिये नियोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
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शहर को दो हिस्सों बांटा गया
नई व्यवस्था के तहत सफाई कार्य के लिए शहर को दो हिस्सो में (सिस गोमती व ट्रांस गोमती) विभाजित किया गया है। जिसमें जेम पोर्टल के माध्यम से अलग-अलग प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। आमंत्रित प्रस्ताव में लखनऊ की विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या को सम्मिलित करते हुए पब्लिक हैल्थ मैनुअल के मानक तथा अतिविशिष्ट आवश्यकताओं व अतिरिक्त दायित्वों को दृष्टिगत रखते हुए श्रमिक/मानव संसाधन प्राप्त किया जाएगा।
प्रतियोगात्मक वातावरण बनाये रखने के उद्देश्य से शहर के एक हिस्से में नियोजित होने वाली संस्था को दूसरे हिस्से में कार्य प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। उद्यान, मार्ग प्रकाश, वाहन चालक इत्यादि श्रेणियों के लिए अलग-अलग टेंडर जेम के माध्यम से किया जाएगा। जेम पोर्टल के माध्यम से मानव संसाधन/सफाई कर्मी प्राप्त किए जाने से कार्यो को व्यवस्थित करने में आसानी होगी तथा सफाई व्यवस्था का बेहतर पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। प्रतियोगात्मक वातावरण होने से व्यय में कमी होने के साथ ही वित्तीय प्रबंधन भी कुशलतापूर्वक किया जा सकेगा।
नई व्यवस्था के तहत ये लिए गए निर्णय
सफाई व्यवस्था बेहतर होगी और संबंधित कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सफाई कर्मचारियों का वेतन व मानदेय समय पर दिया जाएगा। उनका पीएफ ईएसआई समय पर जमा होगा।
सफाई कर्मचारियों को समय से वेतन न देने पर 18% ब्याज के साथ वेतन देना पड़ेगा।
कार्यदायी संस्था किसी भी सफाई कर्मी को बिना नगर आयुक्त के अनुमोदन के नही हटा सकेगी।
कार्यदायी संस्था के कार्य मे लापरवाही पाए जाने पर महापौर और नगर आयुक्त उस पर कार्यवाही करेंगे।
सफाई व्यवस्था के लिए कार्यदायी संस्था द्वारा सफाई के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
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