लखनऊ मेयर ने जनता को दी ओटीएस की सौगात, मिलेगी ब्याज के मकड़जाल से मुक्ति, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने को गठित की गई सेल, पार्षदों को नहीं देना होगा टैक्स, अब बदल जाएगा OTS का नाम
लखनऊ। लखनऊ की महापौर (मेयर) संयुक्ता भाटिया की ओर से लखनऊ की जनता को गृहकर और जलकल में ओटीएस योजना लागू कराने के लिए प्रस्ताव पास कराया गया, इससे नगर निगम को वर्षो से बकाए राजस्व 382 करोड़ रुपये प्राप्त होंगी और नगर निगम की देनदारियों को समाप्त किया जा सकेगा। इसके साथ ही जनता को वर्षो पुराने गृहकर में ब्याज के मकड़जाल से मुक्ति मिल सकेगी। ये OTS आवासीय और व्यवसायिक दोनों प्रकार के भवनों के लिए लिए होगा। बता दें कि सोमवार को लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में नगर निगम लखनऊ के वित्तीय वर्ष 2022-23 मूल बजट 21 अरब 62 करोड़ 50 लाख का सर्वसम्मति से पास किया गया। इस सम्बंध में कई अहम फैसले किए गए हैं।
महापौर में बताया कि कोरोना काल मे जनता और व्यापारियों को नुकसान हुआ है, व्यापार अब जाकर सुचारू रूप से प्रारंभ हो पाया है, ऐसे में ओटीएस योजना सभी के लिये लाभकारी रहगी और जनता और व्यापारियों को फौरन राहत प्राप्त होगी। महापौर ने कहा कि सदन के पश्चात शासन से शीघ्र ही अनुमति प्राप्त की जाएगी। महापौर के प्रस्ताव पर सभी पार्षदों ने एकमत होकर महापौर का अभिवादन किया और पार्षद रामकृष्ण यादव ने इस योजना का नामकरण महापौर एक मुश्त समाधान योजना ( Mayor One Time Settlement Scheme) किया जाए, जिसे सभी ने एक मत से स्वीकार किया और पास किया।
भ्रष्टाचार के नाश को गठित की सेल
महापौर संयुक्ता भाटिया ने भ्रष्टाचार पर कड़ा एक्शन लेते हुए आयी सभी शिकायतों की जाँच करने के निर्देश दिए। साथ ही नगर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायतों के निवारण और उसकी मॉनिटरिंग के लिए ‘भ्रष्टाचार निवारण सेल’ का गठन करने का निर्णय महापौर ने लिया। महापौर ने बताया कि इसके भ्रष्टाचार निवारण सेल का संयोजक इस नाते किसी सेवानिवृत जज अथवा इंटरनल लोकायुक्त को नियुक्त किया जाएगा। शिकायतों की जाँच के पश्चात दोषियों पर एफआईआर सहित अन्य सख्त और कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
पार्षदों को भी नहीं देना होगा गृहकर और जलकर
सदन में महापौर संयुक्ता भाटिया ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए वर्तमान कार्यकाल से पार्षदों के एक आवासीय भवन को गृहकर, सीवरकर और जलकल से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया। महापौर ने बताया चूंकि पार्षद नगर निगम परिवार के सदस्य है, उन्हें कोई तनखाह नही मिलती है और न ही कोई भत्ता। वह दिन भर नगर निगम/शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाते हैं और साथ ही जनता की समस्याओं का समाधान कराते है ऐसे में उन्हें गृहकर, जलकर और सीवरकर से छूट प्रदान की जाती है। बता दें कि कर्मचारियों और अधिकारियों को पहले से ही यह सुविधा प्राप्त है।
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