Lucknow University: कोई भी काम महिला या पुरुष का नहीं होता…खत्म हो महिलाओं पर अत्याचार
Lucknow University: महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अत्याचारों को समाप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय की जेंडर सेंसिटाइजेशन सेल और काव्योम परिवार के संयुक्त तत्वावधान में लविवि (लखनऊ विश्वविद्यालय) के महात्मा गाँधी पार्क में दिनांक 18 नवंबर, 2024 को नाटक ‘हक़ीक़त’ प्रस्तुत किया, जिसमें ये बताने का प्रयास किया गया कि जेंडर सामाजिक अवधारणा है और कोई भी काम महिला या पुरुष का नहीं होता बल्कि दोनों को साझेदारी के रूप में हर कार्य को करना चाहिए।
स्त्रियों को सम्मान की दृष्टि से देखना तथा उनको पितृसत्तात्मक सोच के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करना, अपनी आवाज को बुलंद करना और विश्विश्विद्याल परिसर में सभी को सम्मान मिले, सुरक्षा मिले यही इस कार्यकम का उद्देश्य था। मालूम हो कि इस सेल का गठन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय द्वारा 2020 में किया गया था, तब से निरंतर ये सेल परिसर में लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यकम आयोजित करता आ रहा है और ये कार्यकम इसी श्रृंखला का एक हिस्सा था इस प्रस्तुति के दौरान जेंडर सेंसिटाइजेशन सेल की संयोजक प्रोफ. रोली मिश्रा एवं सेल के अन्य सदस्य डॉ. प्रशांत शुक्ला , डॉ. सोनाली राय चौधरी और डॉ. दिनेश यादव मौजूद रहे।
साथ ही विवि के अर्थशास्त्र विभाग से डॉ. हरनाम सिंह और पाश्चात्य विभाग से डॉ. अर्चना तिवारी ने भी अपनी भागीदारी दी। यह नुक्कड़ नाटक काव्योम परिवार के सदस्यों कौन्तेय जय, देवांश तिवारी, अर्पित सिंह, प्रशांत कुशवाहा, अनुष्का पाठक, प्राची, रुपाली शेखर, ऋषिता प्रजापति, फौजिया अम्बरी, दर्शिका, आर्यन सिंह, रोहित कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया।इस नुक्कड़ नाटक को देखने के लिए भारी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित हुए। इस नुक्कड़ के माध्यम से लैंगिक समानता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। प्रस्तुति के बाद कई छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव, विचार और सुझाव प्रस्तुत किए।
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