NAAC की परीक्षा में खरा उतरने की तैयारी में जुटा लखनऊ विश्वविद्यालय, मुख्यमंत्री की सलाह के बाद उठाया कदम, देखें क्या-क्या किया जा रहा है सुधार, 11 से 13 जुलाई तक विशेषज्ञ करेंगे दौरा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सलाह के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय खुद को NAAC India Grade की परीक्षा में खरा उतारने के लिए दिन-रात जुटा हुआ है। बता दें कि हाल ही में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ग्रेड ए हासिल किया था। इस पर योगी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को अपने मानकों में सुधार करके अच्छा प्रदर्शन करने की सलाह दी थी।

इस सम्बंध में शुक्रवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने व्यापार प्रशासन विभाग के सभागार में समस्त संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, समन्वयकों, निदेशकों और प्रभारियों के साथ NAAC के संबंध में बैठक की और सभी से अपने-अपने विभागों में साफ सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा की समस्त विभागाध्यक्ष अपने विभाग के पूर्व छात्रों की एक फ्लेक्स लगाएं (Wall of Fame), मेरीटोरियस स्टूडेंट की लिस्ट लगाएं, नोटिस बोर्ड को हमेशा अपडेट रखें और विभिन्न प्रयोग किए जाने वाले सामानों को यथा स्थान/उचित स्थान पर रखने की परंपरा को भी विकसित करें।
इसी के साथ नैक मान्यता पर आधारित पत्रकार वार्ता में भी प्रो. राय ने नैक और उनकी ग्रेडिंग प्रणाली के बारे में एक संक्षिप्त दृष्टिकोण रखा। इस मौके पर उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की पिछली मान्यता 2014 में हुई थी और विश्वविद्यालय ने 2.76 अंक हासिल कर बी ग्रेड प्राप्त किया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नैक द्वारा ग्रेडिंग मानदंड में बदलाव किया गया है और विश्वविद्यालय प्रणाली के लिए दो प्रकार की अंक प्रणाली है जिसे विश्वविद्यालय को स्कोर करना होता है। विश्वविद्यालय को डेटा और सत्यापन (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) से अंक सुरक्षित करने होते हैं, जिसके लिए अधिकतम अंक 75 होते हैं जबकि फील्ड विजिट के लिए विश्वविद्यालय को 25 के मूल्य से अंक प्राप्त करने होते हैं।
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प्रोफेसर राय ने बताया कि विश्वविद्यालय को क्लोजर मिल गया था। अप्रैल के अंत में NAAC की रिपोर्ट, जिसने सेल्फ स्टडी रिपोर्ट और क्लोजर रिपोर्ट के बीच अच्छे समझौते का संकेत दिया। परिषद के विशेषज्ञ 11, 12 और 13 जुलाई 2022 को विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे। प्रोफेसर राय ने बताया कि विश्वविद्यालय ने लगभग 2.5 साल पहले NAAC मूल्यांकन की तैयारी शुरू कर दी थी और वर्ष 2020 की शुरुआत में चरणों में विकास शुरू किया था। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष के दौरान, विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे और साज-सज्जा के उत्थान के लिए प्रयास किया था और इस तरह की पहल के महत्वपूर्ण परिणाम संगठित प्रवेश कक्ष, छात्र लाउंज, डीन छात्र कल्याण कार्यालय एवं विभिन्न स्थानों पर सामुदायिक शौचालय आदि थे। प्रो राय ने कहा कि भौतिक बुनियादी ढांचे के अलावा, लखनऊ विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय के बौद्धिक ढांचे को ऊपर उठाने की कोशिश कर रहा है।