अरे मर गई रे…किसान के खेत में बेहोश होने पर चीखती रही पत्नी लेकिन नहीं पसीजा प्रशासन, खड़ी फसल पर चला दिया ट्रैक्टर-Video

February 19, 2025 by No Comments

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Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से दर्दनाक खबर सामने आ रही है. यहां प्रशासन ने एक किसान की 30 बीघा फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. अपनी आंखों के सामने खड़ी फसल बर्बाद होते देख किसान सह नहीं सका और खेत में ही बेहोश होकर गिर पड़ा. इस दौरान उसकी पत्नी चीखती-चिल्लाती रही, हाथ जोड़ती रही लेकिन किसी अधिकारी का दिल नहीं पसीजा. इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

किसान को जब तक होश आया तब तक उसकी उम्मीदों पर पूरी तरह से ट्रैक्टर चल चुका था और उसकी दिन-रात की कड़ी मेहनत बर्बाद हो चुकी थी. इस पूरे मामले पर मध्य प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.

ऐसा जुल्म को अंग्रेजों के राज में भी नहीं हुआ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने इस पूरी घटना की वीडियो सोशल साइट एक्स पर शेयर करते हुए मोहन यादव सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि किसान पर जो ज़ुल्म अंग्रेजी राज में नहीं हुए वैसे ज़ुल्म भाजपा राज में हो रहे हैं. एमपी के सिरोंज में मूलचंद नाम के किसान की खड़ी फसल पर प्रशासन ने ट्रैक्टर चला दिया.. किसान बेहोश हो गया, पत्नी रोती रही पर प्रशासन को दया नहीं आई. मध्य प्रदेश की सत्ता क्रूर और नृशंस होती जा रही है.’

वहीं उमंग सिंगार ने इसी वीडियो को शेयर करते हुए कहा है कि रोती रही पत्नी, बेहोश हुआ किसान, लेकिन सरकार का दिल नहीं पसीजा! सिरोंज में मूलचंद नाम के किसान की फसल पर जब प्रशासन ने ट्रैक्टर चला दिया तो सदमे में आकर वह बेहोश हो गया. पत्नी गुहार लगाती रही “बस 8-10 दिन दे दो, फसल काट लेंगे,” लेकिन निर्दयी प्रशासन ने नहीं सुनी. अपने हर भाषण में खुद को किसान हितैषी बताने वाले सीएम मोहन यादव क्या यही है आपका किसानों के साथ इंसाफ? क्या भाजपा सरकार गरीब किसानों को ऐसे ही रौंदती रहेगी?

प्रशासन ने दी सफाई

तो वहीं प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए फसल नष्ट की गई है. यह अतिक्रमण की जमीन थी. 2 साल पहले ही पट्टे निरस्त कर दिए गए थे. तो दूसरी ओर सिरोंज के तहसीलदार विकास अग्रवाल का कहना है यह सरकारी जमीन थी और इसे अतिक्रमण मुक्त कराना जरूरी था. हमने नियमानुसार कार्रवाई की है.

किसान ने ये किया दावा

तो वहीं किसान का दावा है कि उसने अक्टूबर में इस जमीन का अर्थदंड जमा किया था. इसकी रसीद भी उसके पास है. बावजूद इसके प्रशासन ने फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. वीरपुर गांव के पीड़ित किसान मूलचंद ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि ‘जब मैंने अपनी मेहनत की फसल पर ट्रैक्टर चलते देखा तो मैं सहन नहीं कर पाया, मुझे अटैक आ गया और मैं बेहोश हो गया. जब तक होश आया तब तक मेरी फसल नष्ट हो चुकी थी.” इस घटना के बाद से ही स्थानीय किसानों में भारी आक्रोश है.

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