Makar Sankranti: रोम और ग्रीक में इस तरह मनाते हैं मकर संक्रांति…पूरे भारत से लेकर नेपाल और थाइलैंड में जाना जाता है इन नामों से; बनते हैं ये पकवान
Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर्व की विशेषता इसी से जाहिर हो जाती है कि इस पर्व के कई नाम हैं और इसे पूरे भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. विदेशों में भी इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है बस फर्क ये है कि इसके नाम अलग हैं. रोम व ग्रीक का भी ये परम्परागत त्योहार है। जहां सनातन धर्म में इसे सूर्य उपासना का पर्व माना जाता है तो वहीं अलग-अलग स्थानों पर इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है और विभिन्न प्रथाएं भी इस दिन को लेकर प्रचलित हैं।
एक जानकारी के मुताबिक प्राचीन रोम में इस दिन खजूर, अंजीर तथा शहद बांटने की प्रथा का उल्लेख मिलता है तो वहीं प्राचीन ग्रीक में इस दिन लोग वर-वधू की संतान वृद्धि के लिए इस दिन तिलों का पकवान बांटते थे। इस दिन कम्बल तथा घी का दान करना पुण्य माना जाता है।
उत्तर भारत
उत्तर भारत में मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। इस दिन उड़द की दाल और चावल की खिचड़ी खाने की परम्परा है। इसी के साथ खिचड़ी व काले-सफेद तिल के लड्डू का दान भी जमकर किया जाता है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में मकरसंक्रांति के दिन ताल-गूल नामक हलवा बांटने के प्रथा है। मान्यता है कि विवाहिता युवतियां इस दिन तेल, कपास, नमक आदि सौभाग्यवती स्त्रियों को देती हैं। इसी दे साथ इस दिन महिलाएं एक-दूसरे को गुड़, तिल, रोली, हल्दी बांटती हैं।
बंगाल
यहां भी इस दिन स्नान करके तिल दान करने की परम्परा है। इसी के साथ यहां पर गंगासागर में बड़ा मेला लगता है। देश-विदेश से लोग यहां स्नान करने पहुंचते हैं। यहां तिल से बने पकवान खाने की परम्परा है।
लोहड़ी
हिमाचल, हरियाणा, पंजाब में मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाई जाती है, जो कि मकर संक्रांति के आगमन का संदेश देती है। तिलकुटा आदि खाने की परम्परा इन राज्यो में है।
पोंगल और खीर
दक्षिण भारत में मकर संक्रांति को दीवाली की तरह मनाया जाता है। तमिलनाडु में जहां पोंगल कहते हैं, तो वहीं कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति कहा जाता है। दक्षिण भारत में इस समय तक धान की नई फसल आ जाती है। इसलिए इस दिन नए चावल और अन्य व्यंजन पकाए जाते हैं। वहां भी यथाशक्ति दान देने और भगवान की विशेष पूजा करने का प्रचलन है। तमिलनाडु में इस पर्व को दीवाली की तरह ही तीन दिन तक मनाया जाता है। इस तरह कह सकते हैं कि पूरे भारत में इस पर्व को थोड़े अंतर के साथ धूमधान से मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं।
पोंगल मनाने के लिये स्नान करके खुले आँगन में मिट्टी के बर्तन में खीर बनायी जाती है, जिसे पोंगल कहते हैं। इसके बाद सूर्य देव को नैवैद्य चढ़ाया जाता है। उसके बाद खीर को प्रसाद के रूप में सभी ग्रहण करते हैं। इस दिन बेटी और जमाई राजा का विशेष रूप से स्वागत किया जाता है।
बिहार
यहां मकर संक्रान्ति को खिचड़ी नाम से जाना जाता है। इस दिन उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गौ, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, कम्बल आदि दान करने की परम्परा है।
असम
असम में मकर संक्रान्ति को माघ-बिहू अथवा भोगाली-बिहू के नाम से मनाते हैं।
उत्तराखंड में मकर संक्रांति
उत्तराखंड में मकर सक्रांति को घुघुतिया त्योहार के नाम से जाना जाता है। घर की महिलाओं द्वारा रसवाडें को मोल मिट्टी की सहायता से लिपाई पुताई की जाती है। फिर सभी स्नान करते हैं और फिर अपने घर के देवता स्वरूप देवी देवताओं की पूजा की जाती है। भोजन में घुघुतिया बनाए जाते हैं। यह घुघुतिया आटे की सहायता से बनाए जाते हैं। जिसमें विभिन्न प्रकार की आकृतियों के माध्यम से घुघुतिया तैयार किए जाते हैं। इन सभी घुघुतिया को परिवार के छोटे बच्चों द्वारा कागा (कौवा) अपने हाथ के माध्यम से खिलाया जाता है।
राजस्थान
मकर संक्रांति पर राजस्थान में भी खूब रौनक देखने को मिलती है. इस दिन घरों में गजक और तिल के लड्डू बनाने की परंपरा है. इसी के साथ ही इस दिन दही-चिऊड़ा बड़े शौक से खाया जाता है. पतंगों से आसमान जैसे ढक जाता है. इसके अलावा राजस्थानी मिठाई घेवर का भी खूब लुत्फ उठाया जाता है.
गुजरात
मकर संक्रांति के दिन गुजरात में खूब उत्साह देखने को मिलता है. इस दिन को गुजरात में उत्तरायण के नाम से सेलिब्रेट किया जाता है और हर तरफ रंग-बिरंगी पतंगे उड़ती हैं और पतंगबाजी की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है. घरों में खासतौर पर तिलपाक के अलावा उंधियू बनाया जाता है जो गुजरात की एक ट्रेडिशनल डिश है.
इन राज्यों में मकर संक्रांति को जाना जाता है इन नामों से
दक्षिण भारतीय राज्य केरल में मकर संक्रांति को मकर विलक्कू के नाम से जाना जाता है और सूर्य देव की पूजा की जाती है. कर्नाटक में मकर संक्रांति को ‘एलु बिरोधु’ के नाम से जाना जाता है. तो वहीं तमिलनाडु में इस दिन को पोंगल के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. पंजाब और हरियाणा में मकर संक्रांति को माघी लोहड़ी के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. हालांकि लोहड़ी एक दिन पहले यानी 13 जनवरी को सेलिब्रेट की जाती है. इस दिन सिख समुदाय अग्नि की परिक्रमा करते हुए पूजा करते हैं और रेवड़ी मूंगफली चढ़ाते हैं.
देखें अन्य देशों में क्या नाम है मकर संक्रांति का
नेपाल में इसे माघे संक्रांति या माघी संक्रांति, खिचडी संक्रांति कहा जाता है।
बांग्लादेश में पौष संक्रान्ति।
थाईलैण्ड में सोंगकरन
लाओस में पि मा लाओ
म्यांमार में थिंयान
कम्बोडिया में मोहा संगक्रान
श्री लंका में पोंगल, उझवर तिरुनल