“मेरा इंतजार देख…” मनमोहन सिंह की इस शायरी पर मुस्कुरा उठीं थीं सुषमा स्वराज, पूरा सदन गूंज उठा था ठहाकों से-Video
Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है तो वहीं उनके तमाम वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे हैं. इसी में एक वीडियो संसद सत्र के दौरान का वायरल हो रहा है जिसमें मनमोहन सिंह शायर पढ़ते हुए दिख रहे हैं तो वहीं भाजपा नेता सुषमा स्वराज मुस्कुराते हुए दिख रही हैं.
ये तो सभी जानते हैं कि मनमोहन सिंह गंभीर व शांत स्वभाव के थे लेकिन इस शायरी के दौरान उनके चेहरे पर मुस्कुराहट दिख रही है तो वहीं पूरा संसद ठहाके लगाकर हंसते हुए दिखाई दे रहा है. उनका ये शायराना अंदाज सोशल मीडिया पर लोगों को खासा पसंद भी आ रहा है.
आप कमज़ोर PM नहीं थे बल्कि आप समय के हिसाब से देश के लिये ज़रूरी सोच रखने वाले प्रधानमंत्री थे।
आप बेहद शालीन, सभ्य और जितना ज़रूरी हो उतनी ही बात करने वाले शानदार PM थे।#ManmohanSingh pic.twitter.com/RU1qGhRjp7
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) December 26, 2024
दरअसल एक बार डॉ मनमोहन सिंह पर बीजेपी नेता सुषमा स्वराज काफी तीखा हमला बोल रही थीं और संसद का माहौल गर्म था. सुषमा स्वराज ने तंज कसते हुए मनमोहन सिंह की तरफ देखा और कहा कि “तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूं लुटा”… इस पर मनमोहन सिंह ने तुरंत पलटकर जवाब दिया और कहा “माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूं मैं. तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतजार देख…” इसके बाद पूरी संसद तालियों और ठहाकों की आवाज से गूंज गई व पूरे सदन का माहौल बिल्कुल बदल गया था.
पाकिस्तान में जन्मे थे मनमोहन सिंह
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और इसके बाद विदेश से भी अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने डी. फिल किया. इसके बाद प्रोफेसर के तौर पर उनके करियर की शुरुआत हुई, लेकिन कुछ ही साल बाद वो सरकार का हिस्सा बन गए. वह आरबीआई गवर्नर से लेकर यूजीसी चेयरमैन, राज्यसभा सांसद, वित्त मंत्री और फिर देश के प्रधानमंत्री भी बने. डॉ मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान में हुआ था, जो कि उनके जन्म यानी 26 सितम्बर 1932 के वक्त भारत का ही हिस्सा था. फिलहाल पाकिस्तान के अलग होने के बाद वो विस्थापित होकर अमृतसर आए और छोटी उम्र में ही मां के गुजरने के बाद दादी ने पाल कर बड़ा किया. उनका शुरुआती जीवन बड़ी ही कठिनाई में गुजरा.