बड़ी खबर; मोदी कैबिनेट से मिली ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को मंजूरी… इसी सत्र में पेश होगा विधेयक; पढ़ें ताजा अपडेट
One Nation One Election Bill: वन नेशन, वन इलेक्शन (एक राष्ट्र, एक चुनाव) बिल को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. गुरुवार को यानी आज बिल को मंजूरी मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इस संबंध में संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में एक व्यापक विधेयक ला सकती है.
बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया था. तो वहीं कमेटी ने इसी साल यानी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च के महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सिर्फ 2 चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की है. कमेटी ने सिफारिश की है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय के लिए चुनाव कराए जाने चाहिए. इसके बाद कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने इन सिफारिशों को एक्सेप्ट कर लिया था.
#WATCH पुरी, ओडिशा: वन नेशन, वन इलेक्शन पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “यह आना चाहिए…जैसे ओडिशा में एकसाथ चुनाव हुए…प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि वन नेशन, वन इलेक्शन हो और हम इसका पूरा समर्थन करते हैं…” pic.twitter.com/veqNJCFAmp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 12, 2024
तो वहीं अगर इस सम्बंध में सूत्रों की मानें तो सरकार बहुत ही जल्द इस विधेयक को संसद में पेश करेगी और फिर इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. सूत्रों की मानें तो सरकार ने इसे एक व्यापक बिल के रूप में पेश करने का मन बनाया है. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों की राय भी अवश्य लेनी होगी क्योंकि यह देश में बहुत बड़ा बदलाव होगा.
इसलिए इसे पहले संसद की ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजा जा सकता है. इसके बाद राज्यों की विधानसभाओं से इसे पास कराना होगा. फिर कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों से इसके लिए समर्थन चाहिए होगा. फिर अनुच्छेद 327 में संशोधन किया जाएगा और उसमें ‘एक देश एक चुनाव’ शब्द को शामिल किया जाएगा. इस तरह से संविधान संशोधन विधेयक होगा.
बता दें कि एक देश एक चुनाव पर ये ताजा अपडेट उस वक्त सामने आई है जब बुधवार को ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का पुरजोर समर्थन किया था और कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा आ रही है.