Pitru Paksha-2023: इन मंत्रों के साथ सूर्य भगवान को दें अर्घ्य, पूर्वजों पर प्रसन्न होंगे यमराज, पितृ दोष की शांति के लिए करें ये उपाय

October 1, 2023 by No Comments

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Pitru Paksha-2023: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर अमावस्या तक पितरों की पूजा के लिए सनातन धर्म में दिन निर्धारित किए गए हैं, जिसे पितृपक्ष, श्राद्ध पक्ष, महालय और कनागत कहते हैं। इन 15 दिनों तक उन पूर्वजों का श्राद्ध कर्म किया जाता है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि श्राद्ध का अर्थ होता है सम्मान करना। अर्थात हम इन दिनों में तर्पण आदि कर्म करके अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान का भाव प्रकट करते हैं। इस बार पितृपक्ष 30 सितम्बर से शुरू हो चुके हैं. ऐसे में आचार्य विनोद कुमार मिश्र इस लेख में कुछ उपाय बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप पितृ दोष में लाभ तो प्राप्त कर ही सकते हैं, साथ ही आपके सिर पर आपके पूर्वजों का हमेशा आशीर्वाद भी रहेगा.

पूर्वजों को पितर पक्ष में इस मंत्र के द्वारा सूर्य भगवान को अर्ध्य देने से यमराज पूर्वजों पर प्रसन्न होते हैं।

ॐ धर्मराजाय नमः।
ॐ महाकालाय नमः।
ॐ म्रर्त्युमा नमः।
ॐ दानवैन्द्र नमः।
ॐ अनन्ताय नमः।

इस तरह भी तृप्त होते हैं पितर
आचार्य विनोद कुमार मिश्र विधि-विधान पूर्वक श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। विधिपूर्वक श्राद्ध न करने से पितृ दोष होता है कई प्रकार की समस्याएं जीवन में बनी रहती हैं। पुराणों के अनुसार, ऐसी स्थिति में पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर कुछ साधारण उपाय करने से भी पितर तृप्त होते हैं।

न कर पाएं श्राद्ध तो करें इनमें से कोई 1 उपाय, नहीं होगा पितृ दोष

जिस स्थान पर आप पीने का पानी रखते हैं, वहां रोज शाम को शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इससे पितरों की कृपा आप पर बनी रहेगी। इस बात का ध्यान रखें कि वहां जूठे बर्तन कभी न रखें।

सर्व पितृ अमावस्या के दिन चावल के आटे के 5 पिंड बनाएं व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में बहा दें।

गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर उस पर गूगल के साथ घी, जौ, तिल व चावल मिलाकर घर में धूप करें।

विष्णु भगवान के किसी मंदिर में सफेद तिल के साथ कुछ दक्षिणा (रुपए) भी दान करें।

कच्चे दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में बहा दें। ये उपाय सूर्योदय के समय करें तो अच्छा रहेगा।

श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन कराएं या सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़, सब्जी और दक्षिणा दान करें।

श्राद्ध नहीं कर सकते तो किसी नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें। इससे भी पितृ दोष में कमी आती है।

श्राद्ध पक्ष में किसी विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।

श्राद्ध पक्ष में पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें। इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं।

सूर्यदेव को अर्ध्य देकर प्रार्थना करें कि आप मेरे पितरों को श्राद्धयुक्त प्रणाम पहुँचाए और उन्हें तृप्त करें।

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)