सरकारी स्कूल में इस बड़ी लापरवाही के चलते 8 साल की तीन छात्राओं की दर्दनाक मौत-Video
Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा में केडली गांव स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवानाडा में हुए एक हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल स्कूल में बने वाटर टैंक से पानी निकालने के दौरान कुंड की जर्जर छत गिरने से तीन मासूम छात्राओं की मौत होने के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है.
इस घटना की जमकर आलोचना की जा रही है और इसमें सरकारी स्कूल की ही लापरवाही बताई जा रही है.इसी के साथ ही नेटिजंस सवाल उठा रहे हैं कि इन बच्चियों की मौत का जिम्मेदार कौन?
केडली नोखा ,बीकानेर सरकारी स्कूल में 3 छात्राओं की जलकुंड में गिरकर मृत्यु हो जाना बहुत दुखद है ये वो कुंड है इसकी छत गिरने से छात्राएं पट्टियों के नीचे आ गयी । शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही के चलते आज 3 बेटियां अलविदा कह गयी । बीकानेर जिले में हर स्कूल में यही हालत है @RajCMO pic.twitter.com/CThU2AVcis
— ShivLal Godara (@ShivLalGodara11) February 18, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना उस समय हुई जब तीनों छात्राएं स्कूल में पानी निकालने गई थीं। इसी दौरान कुंड की जर्जर छत अचानक भरभराकर गिर गई और तीनों बच्चियां कुंड में गिर कर काल के मुंह में समा गईं. हालांकि जैसे ही हादसा हुआ, स्थानीय ग्रामीण तुरंत बच्चियों को लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन नोखा के जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृत छात्राओं की पहचान 8 वर्षीय प्रज्ञा पुत्री रेखाराम जाट, भारती पुत्री ओमाराम जाट और रवीना पुत्री बागाराम के रूप में हुई है।
घटना की जानकारी होने के तुरंत बाद ही नोखा के उपखंड अधिकारी गोपाल जांगिड़ और थाना अधिकारी अमित स्वामी अस्पताल पहुंचे. पूरे मामले में जांच शुरू हो गई है.
दुःखद हादसा
नोखा विधानसभा के केडली गाँव मे सरकारी स्कूल मे खेलते हुए तीन बच्चियां की जर्ज़र होद मे गिरने से मौत।
विभाग की लापरवाही आई सामने ,4 माह पूर्व शिकायत के बावजूद नही करवाई मरम्मत ।@BhajanlalBjp सर कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी ?
सरकारी स्कूलों के है राज्य मे बदतर हालात। pic.twitter.com/RSHgnZbpXV— Sanjay Lahoti – RAJASTHAN 🪙 सत्यमेव जयते 🙏 (@SanjayLahoti13) February 18, 2025
जर्जर टैंक की मरम्मत की हुई थी मांग
इस पूरे मामले में चौंका देने वाली ये बात सामने आई है कि स्कूल के एक अध्यापक ने नवंबर महीने में ही शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जर्जर टैंक की स्थिति के बारे में संभावित खतरे की जानकारी दी थी और तुरंत मरम्मत कराने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। नतीजतन यह दर्दनाक हादसा हो गया और तीन मासूम बच्चियों की जान चली गई. इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.