Ram Navami 2025: 13 साल बार रामनवमी पर बना ये दुर्लभ संयोग…पढ़ें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
Ram Navami 2025: सनातन धर्म में भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है. यानी उनको एक आदर्श पुरुष और महान योद्धा के रूप में माना गया है और उनके इसी रूप की पूजा सभी जगह की जाती है.
माना जाता है कि उनकी पूजा करने वाले को सद्बुद्धि और बल की प्राप्ति होती है और वह अपने घर-परिवार को उसी तरह लेकर चलता है जिस तरह से भगवान श्रीराम ने कभी भी अपने भाइयों और माताओं के बीच फर्क नहीं किया.
यही वजह है कि भगवान श्रीराम से जुड़े किसी भी त्योहार या उत्सव को भारत में धूमधाम से मनाया जाता है और अगर बात उनके जन्मदिन की हो तो फिर उत्सव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
भगवान राम की पूजा से मिलेगा कई गुना फल
बता दें कि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म उत्सव रामनवमी के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन उनकी पूजा-अर्चना और दान-पुण्य से जुड़े कार्य करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महर्षि वाल्मीकि रामायण के मुताबिक भगवान विष्णु के सातवें रूप श्रीराम हैं. इसलिए रामनवमी पर उनकी पूजा करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है.
6 अप्रैल को पूरे भारत में मनेगी रामनवमी
इस बार 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगी। इसका समापन 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर है। उदया तिथि के मुताबिक 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी पूरे भारत में मनाई जाएगी.
ये कार्य करना रहेगा शुभ
ज्योतिष आचार्यों की मानें तो इस बार 13 सालों बाद रामनवमी पर दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस मौके पर पूजा के साथ ही खरीदारी करना भी शुभ रहेगा. रवि पुष्य नक्षत्र जीवन में स्थिरता और अमरता लेकर आता है. मालूम हो कि पुष्य नक्षत्र अगर रविवार को पड़ता है तो इसे रवि पुष्य नक्षत्र कहा जाता है. इस दिन किया गया हर शुभ कार्य फलदायी होता है.
6 अप्रैल 2025 को रवि पुष्य योग का संयोग बन रहा है. इसी के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और सुकर्मा योग भी रहेगा. आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि पुष्य नक्षत्र में विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ ही अगर किसी महत्वपूर्ण चीज की खरीदारी भी करते हैं तो इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
6 अप्रैल को कर सकते हैं निवेश
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि अगर कोई घर या दुकान या जमीन, गाड़ी, सोना व कीमती धातुएं आदि की खरीदारी करना चाहता है तो ये दिन अत्यंत शुभ रहेगा. इस दिन रियल एस्टेट में निवेश करना लाभकारी रहेगा. अगर किसी बिजनेस या फिर कार्य का शुभारम्भ करना चाहते हैं तो भी इस दिन से कर सकते हैं.
शुभ मुहूर्त
राम नवमी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से शुरु हो जाएगा जो कि दोपहर के 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान प्रभु श्रीराम की उपासना की जा सकती है.
पूजा विधि
राम नवमी पर सुबह स्नान करने के बाद एक चौकी पर भगवान श्री राम, सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद भगवान राम को चंदन लगाकर उन्हें फूल, अक्षत, धूप अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर प्रभु को मिठाई व फलों का भोग लगाएं। श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड या रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। इस दौरान भगवान राम के मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं. इससे मन में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी. इसके बाद प्रभु की आरती कर क्षमायाचना करें.
विपत्ति में रक्षा के लिए पढ़ें ये मंत्र
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।
मुक्ति और प्रभु प्रेम के लिए मंत्र
नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
लोचन निजपद जंत्रित जाहि प्राण केहि बाट।।
आरती
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
छंद
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
।।सोरठा।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
DISCLAIMER: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।
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