Saphala Ekadashi: साल की आखिरी एकादशी पर करें ये काम, धन-धान्य से भरा रहेगा घर; जानें कब करना है सफला एकादशी व्रत का पारण?
Saphala Ekadashi: सनातन धर्म में जिस तरह से त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है ठीक उसी प्रकार एकादशी तिथि के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. साल भर में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती है। धार्मिक मान्यता की मानें तो एकादशी के दिन सच्चे मन से श्रीहरि विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है और कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं होती है. हर साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी मनाई जाती है, जो कि इस बार आज यानी 26 दिसम्बर को मनाई जा रही है.
केले का लगाएं भोग
आचार्य पीएन पांडेय बताते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत ही पसंद है, ऐसे में सफला एकादशी के दिन उन्हें केले का भोग जरूर लगाएं। मान्यता है कि इस भोग के लगाने से साधक की सभी समस्याएं दूर करते हैं।
जानें क्या होता है सफला एकादशी का व्रत रखने से?
इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में सुख-सम्पत्ति और वैभव का वास होता है.
ये व्रत करने वालों को सभी कार्यों में सफलता मिलती है.
व्रती को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है और सभी मनोकामना पूरी होती है। जीवन के दुख और संकट दूर हो जाते हैं.
सफला एकादशी के दिन दान करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
सफला एकादशी का व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
27 दिसम्बर को सुबह करें पारण
आचार्य पीएन पांडेय बताते हैं कि वैदिक पंचांग के मुताबिक, पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर को रात 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू हुई है जो कि 27 दिसम्बर की रात 12 बजकर 43 मिनट पर होगा। इस तरह से 26 दिसम्बर को व्रत रखा जाएगा और 27 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 बजकर 16 मिनट के बीच कर सकते हैं। तो वहीं द्वादशी तिथि का समापन 28 दिसम्बर को रात 2 बजकर 26 मिनट पर होगा।
अगर नहीं रख सकते हैं व्रत तो…
अगर सफला एकादशी का व्रत नहीं रख सकते हैं तो साल की अंतिम एकादशी होने के कारण इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करें और दान पुण्य जरूर करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। सफला एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और खीर में तुलसी दल अवश्य रखें. पूजा-पाठ करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करें। इससे भी पुण्य मिलता है।
साल की आखिरी एकादशी पर करें ये काम?
साल की आखिरी एकादशी यानी सफला एकादशी जो कि आज मनाई जा रही है, के दिन घर में तुलसी का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। तुलसी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन तुलसी का पौधा घर लाने और लगाने से धन-समृद्धि में वृद्धि होती है. घर के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए. तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। अगर हो सके तो तुलसी जी की प्रतिदिन पूजा करें.
सफला एकादशी की कथा
पद्म पुराण में कहा गया है कि पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के बारे में युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा… बड़े-बड़े यज्ञों से भी मुझे उतना संतोष नहीं होता, जितना एकादशी व्रत के अनुष्ठान से होता है। इसलिए एकादशी-व्रत अवश्य करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि पौष मास के कृष्ण पक्ष में सफला नाम की एकादशी को भगवान नारायण की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। यह एकादशी कल्याण करने वाली है। एकादशी समस्त व्रतों में श्रेष्ठ है।
इस एकादशी के प्रताप से ही पापाचारी लुम्भकभव-बन्धन से मुक्त हुआ था। सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ऋतुफल अर्पित करें. भगवान श्रीकृष्ण इस व्रत का महत्व बताते हुए कहते हैं कि जो व्यक्ति भक्ति-भाव से एकादशी-व्रत करता है, वह निश्चय ही श्रीहरि का कृपापात्र बन जाता है। एकादशी के माहात्म्य को सुनने से राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
भगवान श्री कृष्ण इस व्रत की बड़ी महिमा बताते हैं और कहते हैं कि इस एकादशी के व्रत से व्यक्ति को जीवन में उत्तम फल की प्राप्ति होती है और वह जीवन का सुख भोगकर मृत्यु पश्चात विष्णु लोक को प्राप्त होता है. यह व्रत अति मंगलकारी और पुण्यदायी है। इसका उल्लेख ब्रम्हवैवर्त पुराण में भी मिलता है.
DISCLAIMER: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)
ये भी पढ़ें-Saphala Ekadashi: सफला एकादशी व्रत आज…पूजा-व्रत करने से मिलेगी कार्यों में सफलता; पढ़ें कथा