SOLAR ECLIPSE APRIL 2022: इस साल पड़ रहे हैं कुल चार ग्रहण, दो दिखेंगे भारत में व दो नहीं, 30 अप्रैल को है पहला सूर्यग्रहण, गर्भवती महिलाएं करें ये सरल उपाय, जाने ग्रहण के स्पर्श व मोक्ष का समय
धर्म-अध्यात्म। साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को पड़ने जा रहा है। हालांकि यह एक खगोलीय घटना है, लेकिन हिंदू धर्म की दृष्टि से देखा जाए तो धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ग्रहण काल के दौरान कई कार्यों का करना प्रतिबंधित किया गया है। वैसे तो 30 अप्रैल के सूर्यग्रहण का भारत पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस खगोलीय घटना के दौरान गर्भवती महिलाएं जरूर अपना ध्यान रखें और कुछ उपाय अवश्य करें। चूंकि भारत में ये दिखाई नहीं देगा। इसलिए सूतक नहीं माना जाएगा। अर्थात पूजा-पाठ के कार्य होते रहेंगे और मंदिर पट भी बंद नहीं होगा।
आचार्यों की मानें तो इस साल 2022 में कुल 4 ग्रहण पड़ रहे हैं। इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं। पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल दिन शनिवार को अमावस्या तिथि पर लग रहा है और दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर में लगेगा, जोकि भारत में दिखाई देगा तो वहीं 16 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा। तो वहीं अक्टूबर और नवम्बर में दिखने वाले ग्रहण का असर भारत पर होगा। इस दौरान दान आदि किया जाना शुभ माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद, आचार्य कमलकांत कुलकर्णी ने बताया कि हालांकि वैशाख मास अमावस्या अर्थात 30 अप्रैल का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसके स्पर्श व मोक्ष काल तक धार्मिक कार्य करना जरूरी है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि गीता, रामायण अथवा देवी पाठ करें। हालांकि 30 अप्रैल को सूतक मान्य नहीं होगा।
देखें कहां दिखेगा और किन राशियों पर डालेगा प्रभाव
30 अप्रैल 2022 को लगने वाला साल का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा, जो कि वृषभ राशि में लगेगा। भारत में जरूर यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, लेकिन विभिन्न राशियों पर इसका प्रभाव देखा जाएगा। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण और वेस्ट-साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका महासागर जैसे क्षेत्रों से दिखाई देगा।
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स्पर्श और मोक्ष का समय
30 अप्रैल की रात 12 बजकर 15 मिनट पर ग्रहण स्पर्श करेगा और 1 मई की सुबह 4 बजकर 08 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। हो सके तो इस दौरान गर्भवती महिलाएं सोने के बजाए धार्मिक ग्रंथ पढ़ें और जो भी उपाय परम्परा के अनुसार उनका परिवार करता आ रहा है, उसे जरूर करें। आचार्य पुष्पलता पाण्डेय ने बताया कि 30 अप्रैल /1 मई, वैशाख कृष्ण अमावस्या को लगने वाला सूर्यग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा। भारतीय समय अनुसार ग्रहण का प्रारंभ 12 बजकर 15 मिनट रात पर हो रहा है एवं मोक्ष 4 बजकर 8 मिनट रात अंत पर होगा। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, दक्षिण प्रशांतमहासागर आदि में दिखाई देगा।
इसलिए पड़ता है हमारे जीवन में ग्रहण का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सूर्य ग्रहण का प्रभाव पूरी प्रकृति और मानवजाति पर किसी न किसी प्रकार से पड़ता है। इसका प्रभाव अच्छा और बुरा दोनों प्रकार से हो सकता है। क्योंकि ग्रहण के समय सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें मनुष्य के जीवन को प्रभावित करती हैं। इन हानिकारक किरणों का प्रभाव सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। इसलिए इन लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण आपके देश में दिख रहा है या नहीं, फिर भी गर्भवती महिलाएं करें ये उपाय
गर्भवती महिलाओं को इस दौरान किसी भी कीमत पर घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस बात का ग्रहण के दौरान हमेशा ध्यान रखें, चाहे ग्रहण अपने देश में दिख रहा हो या नहीं।
नुकीली चीजों का प्रयोग न करें। जैसे सब्जी आदि न काटें या फिर सिलाई-कढ़ाई आदि का काम न करें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने पर उनके शिशु के अन्दर विकृति आने की सम्भावना रहती है। अर्थात शारीरिक दोष हो सकता है।
सूर्य ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं को तुलसी दल को जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ कर सकती हैं।
सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिलाएं स्नान जरूर करें। दूसरे वस्त्र पहन लें।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को मानसिक जप करना चाहिए। अर्थात मन ही मन प्रभु का स्मरण करते रहें। इससे गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है।
30 अप्रैल के अतिरिक्त पड़ रहे हैं ये ग्रहण, देखें तारीख
ज्योतिषाचार्य पुष्पलता पाण्डेय ने बताया कि 16 मई को दूसरा ग्रहण पड़ रहा है, जो कि खग्रास चंद्रग्रहण होगा। ये भारत में नहीं दिखेगा। यह न्यूजीलैंड और जर्मनी में दिखेगा, साथ ही कनाडा के कुछ हिस्सों में दिखेगा। भारत के समय के अनुसार सुबह 7 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और इसका मोक्ष काल सुबह ही 11 बजकर 25 मिनट है। चूंकि यह दिन में पड़ रहा है, इसलिए भारत में इसका असर नहीं पड़ेगा।
तीसरा ग्रहण 25 अक्टूबर को है। यह सूर्यग्रहण है, जो कि भारत में दिखेगा। यह शाम को 4.23 से 6.25 तक रहेगा। इसलिए यह खंडग्रास ग्रहण है। इसका प्रभाव पूरे भारत में होगा।
चौथा ग्रहण 8 नवम्बर को पड़ रहा है, जो कि चंद्रगहण है। इसका असर भारत पर होगा, लेकिन पूरे समय नहीं दिखेगा। मोक्ष के समय इसका असर भारत पर पड़ेगा। इसका मोक्ष काल शाम 6 बजकर 20 मिनट पर है औऱ इस दिन चंद्रमा उदय का समय 5 बजकर 20 मिनट है। इसलिए एक घंटा भारत में इसका असर दिखेगा। ये ग्रहण भी खग्रास है।
DISCLAIMER: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)
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