Basant Panchami: पढ़ाई में मन नहीं लगता… इस तरह करें सरस्वती जी की पूजा; पढ़ें कथा व पूजन विधि

February 13, 2024 by No Comments

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Basant Panchami: हिंदू धर्म में माघ शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी के रूप मे मनाते हैं. बसंत को ऋतुओं का राजा माना जाता है. वैसे अगर देखा जाए तो बसंत ऋतु के तहत चैत्र और वैशाख के महीने भी आ जाते हैं फिर भी माघ शुक्ल पंचमी को ही यह उत्सव मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण को इस उत्सव का अधिदेवता कहते हैं. इसीलिए ब्रज में आज के दिन राधा और कृष्ण के आनन्द विनोद की लीलाएं बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है.

शुरू हो जाते हैं होरी तथा धमार गीत

बता दें कि बसंत पंचमी से ही ब्रज में होरी तथा धमार गीत शुरू हो जाते हैं. तो वहीं बसंत ऋतु आते ही बौराए आमों पर मधुर गुंजार तथा कोयल-कूक मुखरित होने लगता है. गुलाब, मालती में फूल खिल जाते हैं. खेतों में सरकों के फूलों की स्वर्णमयी कांति और चारो ओर धरती पर हरियाली से मन में उल्लास भरने लगता है. वृक्षों में नई-नई कोपलें फूटने लगती हैं. इसी के साथ ही बसंत ऋतु को कामोद्दीपक भी माना गया है. इसके प्रमुख देवता काम तथा रति हैं. बसंत कामदेव का सहचर है. इसलिए इस दिन कामदेव और रति की पूजा करे उनको भी प्रसन्न करना चाहिए.

करें विष्णु की पूजा

इस दिन विष्णु भगवान की पूजा का भी महत्व शास्त्रों में बताया गया है. सुबह तेल-उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए और पवित्र वस्त्र धारण कर भगवान नारायण का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए. साथ ही पितृ तर्पण और ब्रह्मभोज का भी विधान शास्त्रों में बताया गया है.

मां सरस्वती की करें पूजा

इस दिन वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान भी शास्त्रों में बताया गया है. आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि, सरस्वती पूजन के लिए एक दिन पहले से ही नियमपूर्वक रहना चाहिए. फिर दूसरे दिन नित्यकर्मों से निवृत्त होकर विधिपूर्वक कलश की स्थापना कर गणेश, सूर्य, विष्णु, शंकर की पूजा करने के बाद माता सरस्वती का पूजन करें.

बच्चे का पढ़ाई में नहीं लगता मन तो करें ये उपाय

मां सरस्वती विद्या, ज्ञान, संगीत और कला की देवी हैं। मान्यता है कि, इनकी कृपा जिस व्यक्ति पर होती है उसे संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में खूब सफलता मिलती है। कहते हैं कि, मां सरस्वती की पूजा करने से अज्ञानी में भी ज्ञान का दीप जल उठता है। ऐसे में बसंत पंचमी के दिन चूंकी सरस्वती पूजा का विधान बताया गया है, इसलिए इस दिन से छोटे बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत भी की जाती है। इसे ‘अक्षर अभ्यासम’ या ‘विद्या आरंभंम’ भी कहा जाता है। छात्रों के लिए यह दिन खास होता है। जिन छात्रों का मन पढ़ाई में नहीं लगता या वो ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते उन्हें वसंत पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। यदि आपका बच्चा छोटा है तो माता-पिता बच्चे से ये उपाय करवा सकते हैं।

माना जाता है कि, यदि आपका बच्चा पढ़ाई से जी चुराता है या उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को बच्चे के हाथ से पीले रंग के फल अर्पित करवाएं। इसी के साथ ही माता सरस्वती का एक चित्र बच्चे के स्टडी टेबल के पास लगाएं। इससे लाभ मिलेगा

वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः का जाप करना चाहिए। इससे भी बच्चे का मन पढ़ाई में लगने लगेगा.

यदि आपके बच्चे की वाणी स्पष्ट नहीं है या थोड़ा रुक कर बोलता है तो वसंत पंचमी के दिन उसकी जिह्वा पर चांदी की सलाई या पेन की नोक से केसर द्वारा ऊं ह्रीं श्री सरस्वत्यै नमः’ मंत्र लिख दें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से बच्चा वाणी दोष से मुक्त हो जाएगा और उसकी भाषा स्पष्ट हो जाएगी।

मान्यता है कि, जिन नवजात शिशुओं की पहली वसंत पंचमी है उनकी जीभ पर चांदी की सलाई को शहद में डुबोकर ‘ऊँ ऐं’ मंत्र लिखें। मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चा बुद्धिमान और मधुर वाणी वाला होगा. (फोटो-सोशल मीडिया)

पढ़ें कथा

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।

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