FATHER’s DAY BEST WISHES: वो मेरे मसीहा हैं, वही मेरे खुदा हैं….फादर्स डे पर दिल को छू लेने वाली कविता के साथ पिता को भेजें शुभकामना संदेश, देखें वीडियो, जानें कब से मनाया जा रहा है पितृ दिवस

June 18, 2022 by No Comments

Share News

इस बार Father’s day (पितृ दिवस) रविवार (18 जून 2022) को पड़ रहा है। वैसे तो पिता के लिए कोई खास दिन का चलन भारत में नहीं है, क्योंकि यहां प्रत्येक दिन पिता के पैर छू कर दिन की शुरूआत करने की परम्परा है, लेकिन पाश्चात्य देशों से आए इस दिन का क्रेज अब भारत में भी दिखाई देने लगा है। इस दिन लोग अपने पिता के लिए खास कार्यक्रमों का आयोजन करने लगे हैं और कविताओं व गजलों के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रस्तुत भी करते हैं। इसी खास दिन के लिए भारत की जानी-मानी कवयित्री अलका मिश्रा ने कविता लिखी है, जो दिल को छू जाने वाली है। इस एकदम नई कविता को आप भी अपने पिता को सुनाकर या भेजकर अपने भावों को प्रकट कर सकते हैं।

AGNIVEER PLAN:अग्निवीर योजना विरोध में सिकंदराबाद में मारा गया युवक कर रहा था सेना भर्ती की तैयारी, बहन भी है सेना में, किसान पिता और मां का हुआ बुरा हाल, बिहार बंद की घोषणा के बाद 18 जून को 12 जिलों में ठप रहेगी इंटरनेट सेवा, देखें वीडियो

कवयित्री अलका मिश्रा अपने पिता जी के साथ।

मेरे पापा

वो मेरे मसीहा हैं वही मेरे ख़ुदा हैं
ये सच है मेरे पापा ज़माने से जुदा हैं

बचपन में मुझे बाहों के झूले में झुलाया
हर दर्द मेरा अपने कलेजे से लगाया

मुश्किल मेरी हर एक है पलकों से बुहारी
मैं जान हूँ पापा की मैं हूँ उनकी दुलारी

कितने ही बड़े ख़्वाब दिखाते थे वो मुझको
दुनिया की बुराई से बचाते थे वो मुझको

आज़ादी से आकाश पे उड़ना भी सिखाया
तहज़ीब की पाज़ेब से पांवों को सजाया

फूलों की तरह रक्खा सितारों से संवारा
काँटों पे भी चलने के हुनर से है निखारा

कमज़ोर पे वो ज़ुल्म कभी सह नहीं पाए
दरिया से बहे कितनों के दुःख दर्द मिटाए

दुनिया के सभी रहते हैं किरदार उन्हीं में
शिव उनमें समाए, बसे अवतार उन्ही में

सागर सी है गहराई फ़लक़ उनमें बसा है
दिल उनका मुहब्बत की सदाओं से भरा है

रहते हैं सफ़र में कभी रुकते ही नहीं हैं
थक कर वो कभी राह में बैठे ही नहीं हैं

पापा को है इस वक़्त बहुत मेरी ज़रूरत
कहते वो नहीं खुल के मगर है ये हक़ीक़त

मैं अपनी ज़रूरत से निकल ही नहीं पाई
पापा के लिए कुछ भी तो मैं कर नहीं पाई

दिल उनका किसी बात से बहला नहीं सकती
जो उन से मिला है कभी लौटा नहीं सकती

प्रदेश में थमने का नाम नहीं ले रहा उपद्रव, मंत्री अजीत सिंह पाल ने पुलिस अधिकारियों को चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के दिए निर्देश, अग्निपथ के विरोध में 17 स्थानों पर प्रदर्शन, अलीगढ़ थाना आग के हवाले, देखें वीडियो

बीसवीं सदी से हुई थी इस दिन को मनाने की शुरूआत
बता दें कि फादर्स डे पिता के सम्मान में मनाया जाने वाला एक विदेशी समारोह है। अनेक देश इसे जून के तीसरे रविवार को मनाते हैं। ये ठीक उसी तरह हैं, जिस तरह मदर्स डे। अगर गूगल की मानें तो फादर्स डे की शुरुआत बीसवीं सदी के प्रारंभ में पिताधर्म तथा पुरुषों द्वारा परवरिश का सम्मान करने के लिये शुरू की गई थी। ताकि मातृ-दिवस की तरह ही पिता की भी भावनाओं का सम्मान किया जा सके। इसे पूर्वजों की स्मृति और उनके सम्मान में भी मनाया जाता रहा है। वास्तव में फादर्स डे सबसे पहले पश्चिम वर्जीनिया के फेयरमोंट में 19 जून 1910 को मनाया गया था। कई महीने पहले 6 दिसम्बर 1907 को मोनोंगाह, पश्चिम वर्जीनिया में एक खान दुर्घटना में मारे गए 210 पिताओं के सम्मान में इस विशेष दिवस का आयोजन ग्रेस गोल्डन क्लेटन ने किया था। प्रथम फादर्स डे चर्च आज भी सेन्ट्रल यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च के नाम से फेयरमोंट में मौजूद है। इस दिन को मनाने को लेकर इतिहास के पन्नों में और भी कई मान्यताएं दर्ज हैं।

ये खबरें भी पढ़ें

टैंकर की तेज टक्कर से हुआ बड़ा हादसा, शादी समारोह में डीजे बजाकर लौट रहे लोगों में 6 की मौत और 6 गम्भीर रूप से घायल, सभी हरदोई के हैं रहने वाले, देखें हादसे का दर्दनाक वीडियो

COVID-19:भारत में फिर से बढ़ने लगे हैं कोरोना के मरीज, लखनऊ के सरकारी व निजी अस्पतालों को तैयार रहने के दिए गए निर्देश, 26 फरवरी के बाद पहली बार पार हुआ 10 हजार का आंकड़ा

पैगम्बर मोहम्मद टिप्पणी मामले में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने भारत के हिंदुओं को निशाना बनाने की दी धमकी, वीडियो किया जारी, तालिबान को भी दी धमकी कहा काबुल में हमले किए हैं अब भारत की बारी

NATIONAL HERALD: नेशनल हेराल्ड की लखनऊ स्थित नेहरू मंजिल में बिक रही शराब, टकराए जा रहे हैं जाम, जबकि लगनी थीं यहां अखबार की मशीन, देखें चैरिटी में मिली जगह की अब कैसी हो गई है दुर्दशा