Holi-2025: 14 या 15 मार्च…कब मनेगी होली? जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
Holi 2025: कई सालों से हम लगातार देख रहे हैं कि सनातन धर्म के हर त्योहार दो दिन मनाए जा रहे हैं और इसी कन्फ्यूजन के चक्कर में लोगों को पता ही नहीं चल पाता है कि सही डेट क्या है? इसी तरह इस बार होली को लेकर भी चर्चा है.
तो वहीं उज्जैन के आचार्य कमलकांत कुलकर्णी के मुताबिक, इस बार होलिका दहन 13 मार्च दिन गुरुवार की रात में 11 बजकर 30 मिनट से लेकर 1 बजे होगा और इसी के बाद यानी 14 मार्च की सुबह से रंग पर्व मनाया जाएगा और होलिका की राख धारण के साथ ही होलाष्टक की समाप्ति हो जाएगी. रंग पंचमी का त्योहार 19 मार्च को मनाया जाएगा.
हालांकि कुछ जगहों पर 15 मार्च को रंग खेलना बताया जा रहा है. यहां बता दें कि पंचांग के अनुसार, होली का त्योहार पूर्णिमा के अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है और होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित मुहूर्त में रात के समय किया जाता है. दरअसल इस बार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह में 10 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक मान्य है. इस वजह से 13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा तिथि के साथ भद्रा सुबह 10:35 बजे से लगेगी, जो रात 11:26 बजे तक है. तो वहीं 14 मार्च को दोपहर बाद पूर्णिमा तिथि खत्म हो जा रही है, ऐसे में होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा.
चूंकि हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरु हो रही है और यह तिथि 15 मार्च को दोपहर 02 बजकर 33 मिनट तक मान्य रहेगी. इस वजह से भगवान शिव की नगरी काशी यानि बनारस में होलिका दहन के अगले दिन सुबह में होली खेले जाने की परम्परा है. इस तरह से बनारस में होली 14 मार्च को मनाई जाएगी.
तो वहीं उदयातिथि को अगर मानें तो फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा तिथि 15 मार्च को प्राप्त हो रही है, इस वजह से अन्य लोगों की होली 15 मार्च को होगी. हालांकि धर्म ग्रंथों में कई जगहों पर वर्णन है कि होलिका दहन के बाद रंग खेला जा सकता है. जहां बनारस और मथुरा के अलावा अन्य जगहों पर होली 14 मार्च को मनेगी तो वहीं मिथिला क्षेत्र में होली 15 मार्च को मनाई जाएगी.
DISCLAIMER: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)