UP News: स्कूल के पास शराब ठेका…5 साल का बच्चा पहुंच गया कोर्ट और फैसला सुनकर गदगद हो जाएंगे आप

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Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक पांच साल का LKG में पढ़ने वाला बच्चा स्कूल के पास शराब ठेका होने की याचिका लेकर पहुंच गया और इसके बाद जो हुआ, उसे सुनकर तो आप भी गदगद हो जाएंगे. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बच्चे कि जनहित याचिका पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि स्कूल के बगल में अगर पहले से शराब का ठेका है तो जरूरी नहीं हर साल उसका लाइसेंस बढ़ाया जाए. इसी के साथ ही अदालत ने शराब के ठेके का लाइसेंस मार्च 2025 के बाद बढ़ाने पर रोक लगा दी है.

चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस विकास की डिवीजन बेंच ने बुधवा को ये फैसला सुनाया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि लाइसेंस अवधि बीत जाने के बाद नवीनीकरण किया जाना जरूरी नहीं है. दुकान का लाइसेंस 31 मार्च 25 तक है, इसलिए उसके बाद इसे ना बढ़ाया जाए. याची अधिवक्ता आशुतोष शर्मा और बच्चे के परिवारवालों का कहना है कि अब इस तरह के मामलों के लिए ये फैसला नजीर बना करेगा. वहीं अधिवक्ता ने दावा किया कि पांच साल के किसी बच्चे की ओर से दाखिल की गई संभवतः यह पहली जनहित याचिका है.

जानें क्या कहा गया राज्य सरकार की ओर से
गौरतलब है कि जिस बच्चे ने कोर्ट में गुहार लगाई है वह कानपुर के आजाद नगर में स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल के एलकेजी क्लास में पढ़ता है, जिसका नाम अथर्व है. पिता के सहयोग से अथर्व ने जनहित याचिका दायर की और बताया कि स्कूल से 30 फीट की दूरी पर एक शराब ठेका है. बच्चे ने मांग की कि इसको यहां से हटा दिया जाए. इस पर हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 2 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. ठेका होने को लेकर याची अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने बहस करते हुए कहा कि ये शासनादेश का उल्लघंन है. शराबियों के हुड़दंग से बच्चों को परेशाना होती है. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि स्कूल के बगल के शराब के ठेके का नवीनीकरण हर साल कैसे होता जा रहा है. इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि स्कूल से पहले से ठेका था और उपबंधो की भी बात ही थी.

ये है नियम
गौरतलब है कि शासनादेश के मुताबिक स्कूल के आस-पास कोई शराब का ठेका नही होना चाहिए. अगर पहले से शराब ठेका है तो उसे लाइसेंस नहीं दिया जा सकता. सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल कानपुर में चिड़ियाघर के पास स्थित आजाद नगर मोहल्ले में है. याची का दावा है कि अक्सर ही सुबह 6-7 बजे से ही यहां पर शराबियों का जमावड़ा लग जाता है और शराब पीकर लोग बवाल-हंगामा करते हैं, जिससे बच्चों के साथ ही अन्य लोगों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. यहां पर रिहायशी इलाका भी है.

बच्चे के परिवार ने की थी ये मांग
बच्चे के परिवारवालों ने दावा किया कि स्कूल के पास शराब ठेका बंद हो जाए. इसको लेकर कई बार स्थानीय पुलिस प्रशासन से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. परिवार वालों ने बताया कि अथर्व की ओर से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी.