Mahakumbh 2025: साधु-संत बने बाराती और महामंडलेश्वर ने किया कन्या दान… महाकुंभ में बौद्ध धर्म छोड़ युवती बनी हिंदू, दिल्ली के युवक से की शादी-Video

January 28, 2025 by No Comments

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Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से न केवल देश बल्कि विदेशी लोग भी प्रभावित हो रहे हैं और अपना घर-परिवार यहां तक कि अपनी संस्कृति और धर्म छोड़कर यहां पहुंच रहे हैं और फिर यहीं के होकर रह जा रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण दिया है ग्रीस की एक युवती ने, जिन्होंने बौद्ध धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है और दिल्ली के एक युवक से महाकुंभ में ही पूरे हिंदू रीति-रिवाज से विवाह कर लिया है.

दोनों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है जिसमें युवती हिंदू दुल्हन के परिधान में नजर आ रही है और वह बहुत ही खुश दिखाई दे रही हैं तो वहीं साधु,सन्यासी उनको आशीर्वाद देते हुए दिखाई दे रहे हैं. युवती का नाम पेनेलोप है. उन्होंने 26 जनवरी को अपने प्रेमी और योगा इंस्ट्रक्टर सिद्धार्थ शिव खन्ना के साथ विवाह रचाया है. खास बात ये है कि इस शादी में साधु-संत बराती बने और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने पेनेलोप का कन्यादान किया.

मां के साथ महाकुंभ में हैं कई दिनों से मौजूद

ग्रीस की पेनेलोप अपनी मां के साथ प्रयागराज के महाकुंभ में कई दिनों से रुकी हुई हैं. वह कहती हैं कि सनातन धर्म खुशहाल जीवन जीने और जन्म-पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाता है. 29 जनवरी को वह मौनी अमावस्या पर संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगी.

यूं हुई थी सिद्धार्थ से मुलाकात

एथेंस के एक विश्वविद्यालय से पेनेलोप ने टूरिज्म मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया है. डिग्री पूरी करने के बाद वह योग सीखने लगीं और उन्होंने एक स्थानीय जिम में योग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था. करीब 9 साल पहले योग सीखने के लिए पेनेलोप थाईलैंड गई और यहीं पर उनकी मुलाकात सिद्धार्थ शिव खन्ना से हुई जो कि दोस्ती के बाद प्यार में बदल गई. दोनों के बीच का रिश्ता इतना गहरा हो गया कि दोनों ने शादी करने की ठान ली. दोनों ने अपने विवाह के लिए महाकुंभ को शुभ अवसर माना और फिर 26 जनवरी को विवाह बंधन में बंध गए. इससे साफ होता है कि पेनेलोप को हिंदू संस्कृति से कितना लगाव है. बता दें कि सिद्धार्थ शिव खन्ना एक अंतर्राष्ट्रीय योगा इंस्ट्रक्टर हैं और नई दिल्ली के वेस्ट पंजाबी बाग के रहने वाले हैं.

पेनेलोप भारत में ही करना चाहती थीं शादी

पेनेलोप ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शादी के फैसले के बाद सिद्धार्थ ने जब उनसे पूछा कि वह शादी कहां करना चाहती हैं. इस पर उन्होंने भारत में शादी करने की इच्छा जताई. यही वजह रही कि प्रयागराज के महाकुंभ में दोनों ने हिंदू रीति-रिवाजों से एक दिव्य और आध्यात्मिक शादी की. यह पल दोनो के लिए यादगार बन गया तो वहीं महाकुंभ में हुई इस शादी की चर्चा देश-दुनिया में हो रही है.

स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने कही ये बात

बड़ी बात ये है कि पेनेलोप और सिद्धार्थ दोनों जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि जी के शिष्य हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें स्वामी यतींद्रान्द गिरि कह रहे हैं कि यह अद्भुत शादी है.  26 जनवरी को महाकुंभ के शिविर में भारतीय परंपरा और रीति-रिवाजों के अनुसार सिद्धार्थ और पेनेलोप की शादी संपन्न करवाई गई. यह विवाह सनातन धर्म की आध्यात्मिक गहराई और भारतीय संस्कृति की समृद्धि का प्रतीक बन गया.

खुशहाल जीवन सनातन में है

पेनेलोप कहती हैं कि वह कभी भी भारत की किसी शादी में शामिल नहीं हुईं लेकिन दुल्हन बनकर एक अलग सा अहसास हो रहा है. वह कहती हैं कि पहले बौद्ध धर्म से जुड़ी थीं, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि खुशहाल जीवन जीने का मार्ग सनातन धर्म में ही है. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों से वह सनातन धर्म की अनुयायी बन गई हैं. बता दें कि दोनों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमें दोनों ही काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

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