Mahakumbh Stampede: भगदड़ के बीच हेमा मालिनी और बाबा रामदेव ने किया अमृत स्नान, कही ये बात; जानें क्या है संगम नोज, जहां हुआ हादसा-Video

January 29, 2025 by No Comments

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Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में बुधवार यानी मौनी अमावस्या के दिन बड़ा हादसा हो गया है. इस अमृत स्नान वाले दिन के अवसर पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ संगम नोज (Sangam Nose) में स्नान के लिए इस तरह टूट पड़ी कि भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. इस हादसे में करीब 17 लोगों की मौत बताई जा रही है.

फिलहाल अभी तक सरकार की ओर से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है तो वहीं 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. इसी बीच अभिनेत्र व मथुरा की सांसद हेमा मालिनी और बाबा राम देव ने संगम नोज पर स्नान किया है.

इस भगदड़ के बीच बॉलीवुड एक्ट्रेस हेमा मालिनी ने आस्था की डुबकी लगाई है. इसी के साथ ही बाबा रामदेव ने भी स्नान किया. साथ ही जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने भी अमृत स्नान किया. संगम में डुबकी लगाने के बाद हेमा मालिना ने कहा कि ऐसा करने के बाद उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. वह आगे बोलीं‘मुझे आनंद का अनुभव हो रहा है. ऐसे स्नान मैंने कभी नहीं किया और बहुत खास दिन हैं. मेरा सौभाग्य है, बहुत ही अच्छा लगा है. मुझे भी यहां पर स्नान का स्थान मिला, वो भी अपने गुरु स्वामी श्री अवधेशानंद जी के सानिध्य में स्नान करने का अवसर मिला है. योग गुरु बाबा रामदेव भी यहां हैं. ये मेरा सौभाग्य है’.

हेमा मालिनी ने भगदड़ को लेकर कहा कि इस घटना के बारे में सुना है. अभी मुझे इस घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं. कुछ पता चलेगा, तो मैं इस बारे में बात करूंगी.

दिवंगत आत्माओं के मोक्ष के लिए किया स्नान

इस मौके पर स्नान करते हुए बाबा राम देव ने कहा कि दिवंगत आत्माओं के मोक्ष और घायलों के जल्द ही स्वस्थ्य होने के लिए हमने कुंभ में स्नान किया है.

इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि विश्व व राष्ट्र के कल्याण के लिए सांकेतिक रूप में स्नान किया है क्योंकि बड़ा हादसा हुआ है. बता दें कि हादसे की वजह से अमृत स्नान की यात्रा अखाड़ों ने स्थगित कर दी है और झांकी भी नहीं निकाली जाएगी.

जानें क्या है संगम नोज?

मालूम हो कि ये भगदड़ जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए हैं, इसलिए मची है क्योंकि हर कोई संगम नोज पर ही स्नान करना चाहता है. तो ऐसे में सवाल उठता है कि ये संगम नोज क्या है? मालूम हो कि संगम नोज नाम इस जगह के आकार की वजह से पड़ा है. दरअसल प्रयागराज में इस संगम नोज को स्नान के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। मान्यता है कि यहीं पर यमुना और सरस्वती नदी गंगा से मिलती है। साधु-संत भी इसी जगह पर स्नान करने को प्राथमिकता देते हैं.

इसीलिए इसी जगह पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु भी ललायित रहते हैं. मान्यता है कि इस जगह पर स्नान करना बेहद शुभ है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. बता दें कि 2019 के बाद इस बाद पड़े कुंभ स्नान में भीड़ बढ़ने की आशंका को देखते हुए संगम नोज के क्षेत्र को बढ़ाया भी गया था। जानकारी के अनुसार, 2019 के कुंभ में संगम नोज में हर घंटे 50 हजार लोग स्नान कर सकते थे, लेकिन इस बार महाकुंभ में हर घंटे 2 लाख लोगों के स्नान करने की तैयारी की गई थी.

चूंकि आज मौनी अमावस्या की वजह से अमृत स्नान का दिन था इसलिए देश भर से बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए पहुंचे और सभी संगम में ही डुबकी लगाना चाहते थे. इसी वजह से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई लेकिन प्रशासन ने फिर कई रास्तों को खोला और भीड़ को डायवर्ट किया जिसके बाद काफी मुश्किलों के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया।

इसी बीच सीएम योगी ने श्रद्धालुओं को संगम नोज पर न जाने की अपील की है और कहा है कि अफवाह पर भरोसा न करें. श्रद्धालु जिस घाट के पास हैं वहीं पर स्नान करें। प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए 8 से 10 करोड़ लोग मौजूद हैं। इनमें से पांच करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है। गंगा के जो जिस घाट के समीप है, वहीं स्नान करें। संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नान के लिए कई घाट बनाए गए हैं, जहां पर स्नान किया जा सकता है। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। साथ ही व्यवस्था को बनाने में सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें।

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