Raksha Bandhan: रक्षाबंधन पर इस विधि से बनाकर भाई को बांधें रक्षासूत्र, बोलें ये श्लोक…दूर होगी हर बाधा, मिलेगी निरोगी काया; पढ़ें रक्षासूत्र बनाने की विधि
Raksha Bandhan: प्रत्येक वर्ष सावन यानी श्रावण की पूर्णिमा पर भाई-बहन के पवित्र प्रेम को दर्शाने वाला त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है. ये त्योहार होली-दीपावली जैसे त्योहारों की तरह ही हिंदू समाज में मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य विनोद कुमार मिश्र पुराणों के आधार पर बताते हैं कि भाई को रक्षासूत्र बांधते वक्त अगर भविष्यपुराण में दिया गया श्लोक पढ़ें तो अशुभ कार्यों के साथ ही सम्पूर्ण रोगों का भी नाश होता है क्योंकि रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों का नाश करता है और पूरे साल उस व्यक्ति की रक्षा होती है, जो रक्षासूत्र बांधता है.
भविष्य पुराण में दिया है कि-
“सर्वरोगोपशमनं सर्वाशुभविनाशनम् ।
सकृत्कृते नाब्दमेकं येन रक्षा कृता भवेत् ।।”
अर्थात इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से वर्षभर मनुष्य की रक्षा होती हैं।
रक्षा सूत्र बनाने की विधि
इसके लिए 5 वस्तुओं की आवश्यकता होती है –
(1) दूर्वा (घास) (2) अक्षत (चावल) (3) केसर (4) चन्दन (5) सरसों के दाने
आचार्य विनोद कुमार मिश्र बताते हैं कि, इन 5 वस्तुओं को रेशम के कपड़े में लेकर उसे बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावा में पिरो दें, इस प्रकार राखी तैयार हो जाएगी और फिर इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधे और ये रक्षासूत्र बांधते वक्त नीचे दिया गया श्लोक बोलें-
“येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल।
तेन त्वाम प्रतिबध्नामि,रक्षे माचल माचल।।”
DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)