मौत आ रही थी पास…लेकिन ऑक्सीजन सपोर्ट पर भी नहीं रुका रियाज; शारदा सिन्हा के इस Video को देख आंखें हो जाएंगी नम

November 7, 2024 by No Comments

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Sharda Sinha: बिहार की लोक गायिका और स्वर कोकिला कही जानें वाली शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं और उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है लेकिन उनकी आवाज की खनखनाहट हमेशा हमारे कानों में गूंजती रहेगी. संगीत के प्रति उनकी लगन व तपस्या को इसी बात से समझा जा सकता है कि मौत उनसे बस चंद कदमों की दूरी पर खड़ी थी लेकिन इन सबके बेखबर वह अपने रियाज में मगन थीं.

सोशल मीडिया पर वायरल उनका ये वीडियो जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गईं. 5 नवंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली. इसके बाद उनके शव को पटना लाया गया जहां आज यानी गुरुवार को पटना के गुलबी घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान उनसे सम्बंधित कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसी बीच एक ताजा वीडियो सामने आया है, जिसमें वह AIIMS में ऑक्सीजन सपोर्ट के दौरान रियाज करती हुई दिखाई दे रही हैं. उनकी नाक में ऑक्सीजन सप्लाई का पाइप लगा हुआ है लेकिन वह फिर भी बड़ी ही सिद्दत से गायिकी में मगन दिखाई दे रही हैं.

एक मिनट तीन सेकेंड के इस वीडियो में शारदा सिन्हा सैंया निकस गए … गाने का रियाज करते दिख रही हैं. सोशल मीडिया पर उनके इस वीडियो देखकर कई कमेंट्स हैं. कुछ लोगों को कहना है कि वह अपने अंतिम समय में भी अपने पति को ही याद कर रही थीं.

जिस दिन छठ पर्व उसी दिन हुआ अंतिम संस्कार

मालूम हो कि शारदा सिन्हा की तबीयत सोमवार को अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. उन्हें बिहार की ‘स्वर कोकिला’ भी कहा जाता था. इसे संयोग कहें या फिर विधि का विधान कि शारदा सिन्हा ने तमाम छठ मइया के गीतों (Chhat Geet) को अपनी आवाज दी और छठ पर्व के दिन ही उनका अंतिम संस्कार हुआ. बता दें कि आज यानी 7 नवम्बर को बिहार का महापर्व छठ मनाया जा रहा है.

बिहार में हुआ था जन्म

मालूम हो कि शारदा सिन्हा का बिहार के सुपौल जिले के हुलास में जन्म 1 अक्टूबर 1952 में हुआ था. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में सीनियर अधिकारी हुआ करते थे. उन्होंने बैचलर ऑफ एजुकेशन और म्यूजिक से MA किया था. शारदा सिन्हा के पति का नाम ब्रजकिशोर सिन्हा था. उनके दो बच्चे हैं. बेटे का नाम अंशुमान सिन्हा और बेटी का नाम वंदना है. उनके निधन के बाद से ही न केवल उनके घर-परिवार बल्कि पूरे बिहार और देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है.

पति का हाल ही में हुआ था निधन

मालूम हो कि कि शारदा सिन्हा के पति का हाल ही में ब्रेन हैमरेज से निधन हुआ था. इसके बाद से उनकी तबीयत भी खराब रहने लगी थी. बीते दिनों उन्हें बोन मैरो कैंसर डिटेक्ट हुआ था. इसी के बाद से उनका इलाज AIIMS के अंकोलॉजी मेडिकल डिपार्टमेंट में चल रहा था. मालूम हो कि शारदा सिन्हा का निधन पति की मौत के 44 दिन के बाद हुआ है. कहा जा रहा है कि वह अपने पति के बिछोह को नहीं सह सकी थीं और यही कारण था कि वह लगातार पति की मौत के बाद से ही लगातार बीमार चल रही थीं.

मैं रहूं या न रहूं…

पद्म अवार्ड से सम्मानित शारदा सिन्हा सोमवार को जब वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था तभी उन्होंने मानो जान लिया हो कि अब उनके पास दिन बहुत ही कम बचे हैं. छठ पर्व के प्रति उनकी श्रद्धा इसी बात से पता चलती है कि उन्होंने ICU में ही अपने बेटे अंशुमन से छठ गीत का ऑडियो रीलिज करने के लिए कहा था. अंशुमन ने मीडिया को बताया था कि छठ पर्व उनके दिल के इतना करीब था कि वह हर साल अपने प्रशंसकों के लिए कुछ न कुछ जरूर लाती थीं. इस बार भी आईसीयू में उन्होंने कहा कि इस ऑडियो को रीलिज कर दो, मैं रहूं न रहूं लेकिन ये गीत मेरा उपहार रह जाएगा. अंशुमन ने बताया कि समय कम होने के कारण पहले ऑडियो रीलिज कर दिया और बाद में इसे वीडियो बनाकर जारी किया. गौरतलब है कि दुखवा मिटाई छठी मईया…गीत के ऑडियो को उनके बेटे अंशुमन ने पिछले दिनों जारी किया था. शारदा सिन्हा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर इस गीत को अपलोड किया गया है.

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