Tulsi Pujan Diwas: आज है तुलसी पूजन दिवस…भूलकर भी न करें ये गलतियां; पढ़ें ये मंत्र
Tulsi Pujan Diwas: आज यानी 25 दिसम्बर को हर साल तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है. ये तो सभी जानते हैं कि सनातन धर्म में बहुत से पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं और छोटे से छोटे पर्वों को भी खास माना जाता है. पूजन की दृष्टि से सभी व्रतों व पर्वों का अपना अलग महत्व है. वैसे तो माता तुलसी (तुलसी का पौधा) की सनातन धर्म में प्रतिदिन पूजा करने का विधान है लेकिन तुलसी पूजन के दिन माना गया है कि इस दिन तुलसी जी को हाथ न लगाएं और शाम को दीपक जरूर प्रज्ज्वलित करें.
तुलसी पूजन के दिन माता लक्ष्मी के तुलसी स्वरूप की विधिवत पूजा करने का विधान है. इस दिन व्रत रख कर तुलसी जी का पूजन करना चाहिए. अगर व्रत नहीं रख सकते हैं तो सुबह स्नान के बाद विधि-विधान से पूजन अवश्य करें. माना जाता है कि माता तुलसी की पूजा करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर कृपा करते हैं लेकिन इस दिन तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए नहीं तो घर-परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि का शुभारंभ 24 दिसंबर को शाम 7 बजकर 52 मिनट पर हो रहा है जिसका समापन 25 दिसंबर की रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को ही मनाया जाएगा.
न करें ये गलतियां
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो तुलसी पूजन दिवस पर शुभ मुहूर्त में या फिर भोर में ही तुलसी की पूजा की जानी चाहिए। अगर शुभ मुहूर्त में पूजा नहीं कर पाएं है तो संध्याकाल में तुलसी के पास दीपक जला सकते हैं.
तुलसी दिवस पर तुलसी के पौछे को जरा भी हाथ न लगाएं.
कभी भी तुलसी का पौधा गंदी जगह पर न रखें।
इस दिन तुलसी के पौधे को दूध से स्नान कराएं. इससे घर में बरकत बनी रहती है. इसी के साथ ही घर में शुभता का प्रवेश होता है।
तुलसी पूजन दिवस भूलकर भी काले रंग के वस्त्रों को पहन कर तुलसी जी की पूजा न करें ऐसा करना अशुभ माना जाता है. हालांकि सनातन धर्म में किसी भी पूजा में काले कपड़े पहन कर पूजा करना वर्जित माना गया है. मान्यता है कि काले कपड़े पहनकर पूजा करने से घर में परेशानियों का वास होता है.
तुलसी के पौधे को फूलों से सजाएं. इसी के साथ ही तुलसी के पौधे को पीले रंग की चुनरी पहनाएं.
तुलसी मूल मंत्र
“ॐ तुलस्यै नमः”
इस मंत्र का 11 या 108 बार जप करें. तुलसी पूजन दिवस के अलावा भी प्रतिदिन इस मंत्र का जप किया जा सकता है. जप करने के लिए एकांत जगह ही चुनें.
तुलसी स्तुति मंत्र
“तुलसी श्रीमहालक्ष्मि विश्वपूजिते शुभे।
पापहारिणि पुण्यदे नमस्ते नारदनुत्तमे॥”
तुलसी प्रार्थना मंत्र
“वृन्दावनीं वृन्दाराण्यं वृन्दं वृन्दावतीं तथा।
तुलसी कृष्णजीवनी नमाम्यहं वृन्दावनीम्॥”
तुलसी गायत्री मंत्र
ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।
तुलसी स्तुति मंत्र
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
DISCLAIMER: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)
ये भी पढ़ें-Kharmas: सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए खरमास के दौरान करें ये काम… जानें क्या मिलेगा लाभ?