Kharmas: सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए खरमास के दौरान करें ये काम… जानें क्या मिलेगा लाभ?
Kharmas: इस बार खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है. बता दें कि सनातन धर्म में खरमास के दौरान विवाह आदि मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दिन रात 10 बजकर 19 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिसका समापन साल 2025 में मकर संक्रांति के दिन होगा। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ग्रहों के राजा सूर्यदेव जब भी गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। साल में दो बार खरमास लगता है. इसकी अवधि एक माह की होती हैं। खरमास में सूर्यदेव का तेज कम हो जाता है. यही वजह है कि पृथ्वी पर भी उनका तप कम पड़ता है।
बता दें कि सूर्य की स्थिति कमजोर होने की वजह से ही शादी-विवाह, सगाई और ग्रह प्रवेश जैसे कई मांगलिक कार्यों को करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. इसकी वजह ये है कि हिंदू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में माना गया है और इन के प्रभाव को बेहद शुभ माना गया है. ऐसे में जब पृथ्वी पर उनका प्रभाव कम हो जाता है तो माना जाता है कि कोई भी शुभ कार्य फलता नहीं है.
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि उनकी कृपा से व्यक्ति के यश, सौभाग्य, सुख-समृद्धि और प्रभाव में वृद्धि होती हैं। माना गया है कि अगर खरमास के दौरान सूर्य उपासना करें तो साधर को नौकरी से लेकर करियर और बिजनेस तक में सफलता मिलती है. इसलिए इस दौरान सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इससे कुंड़ली में उनकी स्थिति मजबूत होती हैं. बता दें कि मकरसंक्रांति से खरमास समाप्त हो जाते हैं और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं.
सूर्य ग्रह के 12 मंत्र का करें जप
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ रवेय नमः।
ॐ पूषणे नमः।
ॐ दिनेशाय नमः।
ॐ सावित्रे नमः।
ॐ प्रभाकराय नमः।
ॐ मित्राय नमः।
ॐ उषाकराय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ दिनमणाय नमः।
ॐ मार्तंडाय नमः।
सूर्य का वेदोक्त मंत्र
ऊँ आकृष्णेनेति मंत्रस्य हिरण्यस्तूपऋषि, त्रिष्टुप छनद:
सविता देवता, श्री सूर्य प्रीत्यर्थ जपे विनियोग: ।
मंत्र : ऊँ आ कृष्णेन राजसा वत्र्तमानों निवेशयन्नमृतं मत्र्य च ।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् ।
सूर्य गायत्री मंत्र
1.ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात् ।
2.ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात् ।
अर्थ मंत्र ‘ऊँ एहि सूर्य ! सहस्त्रांशो तेजोराशि जगत्पते ।
करूणाकर में देव गृहाणाध्र्य नमोस्तु ते ।
सूर्य देव के अन्य शक्तिशाली मंत्र
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
DISCLAIMER: यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। किसी भी धार्मिक कार्य को करते वक्त मन को एकाग्र अवश्य रखें। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)