Lucknow: आमिर ने अपनी मामी सहित इन लोगों पर दर्ज कराया मुकदमा…कुवैत-जार्डन में नौकरी दिलाने के नाम पर इस तरह सैकड़ों बेरोजगारों से की गई करोड़ों की ठगी
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पर बड़ी संख्या में बेरोजगार करोड़ों की ठगी के शिकार हुए हैं. ठगे जाने की जानकारी उनको उस वक्त हुई जब वे विदेश जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे और उनको पता चला कि उनके वीजा और टिकट तो फर्जी हैं. फिलहाल ठगी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस आगे की जांच में जुट गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुवैत और जार्डन में नौकरी दिलाने के नाम पर उन्नाव के रहने वाले मो. आमिर समेत कई जनपदों और राज्यों के सैकड़ों बेरोजगारों से करोड़ों की ठगी का शिकार हुए हैं. रुपये ऐंठने के बाद जालसाज ट्रेवेल कंपनी संचालक और एजेंटों ने बेरोजगारों को जाली वीजा और एयर टिकट थमा दिया.
इसकी जानकारी बेरोजगारों को तब हुई जब वे चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेश जाने के लिए पहुंचे तो बोर्डिंग में चेकिंग के दौरान उन्हें बताया गया कि वीजा, पासपोर्ट और टिकट सब फर्जी है। इसके बाद आमिर ने अपने रिश्ते की मामी उसके दोस्त और दिल्ली की ट्रेवेल एजेंसी के खिलाफ सरोजनीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
पीड़ित आमिर ने बताई ठगी की पूरी कहानी
पीड़ित आमिर ने बताया कि वह उन्नाव जनपद शहर कोतवाली के सराय हजीरा के मो. कासिफ अली गांव का रहने वाला है। उसने आगे बताया कि पड़ोस में ही रिश्ते की मामी रेशम रहती है। रेशम ने दिसंबर 2024 में बताया था कि रायबरेली का रहने वाला तारिक उसका मित्र है। वह उन्नाव में ही कासिमनगर में रहता है और उसकी जान पहचान ऊंचे लोगों से है. इसी के साथ ही रेशम ने आगे ये भी बताया था कि वह कुवैत और जार्डन में मोटी सैलरी पर नौकरी दिलवाने का काम करता है और और दावा किया था कि वह कई लोगों की नौकरी पहले लगवा चुका है.
तारिक से मुलाकात के बाद शुरू हुआ ठगी का खेल
इसके बाद आमिर ने तारिक से मुलाकात की और फिर यहीं से ठगी का पूरा खेल शुरू हुआ. तारिक ने आमिर से वीजा, पासपोर्ट और एयर टिकट का खर्च मांगा। इस पर भोले आमिर ने उसको पहले 70 हजार रुपये फिर 30 हजार रुपये दिए। इसी क्रम में जनवरी में 40 हजार रुपये ऑन लाइन ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा पड़ोस में रहने वाले मित्र दिलावर अली ने भी नौकरी के नाम पर एक बार 70 हजार फिर 1.20 लाख रुपये दिए।
इसी के साथ ही नौकरी के नाम पर गांव के छोटू, अबरार और अन्य ने भी हजारों रुपये दिए। इसके बाद तारिक और मामी ने नई दिल्ली उत्तमनगर प्लाट नंबर एक जैन रोड द्वारिका मोड़ स्थित पैराडाइज ट्रेवेल एजेंसी से टिकट और वीजा दिया। वीजा और टिकट उसी ट्रेवेल एजेंसी से बनवाए गए थे। आमिर ने आगे बताया कि वह साथियों के साथ 11 फरवरी को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। तो देखा कि वहां पर और भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचे हुए हैं.
आमिर ने कहा कि वह सभी लोग बिहार चम्पारण, मोतिहारी, देवरिया, प्रयागराज, फूलपुर, दिल्ली और कई अन्य जिलों के रहने वाले थे. इस तरह से एयरपोर्ट पर करीब 50 लोग थे। उनके पास भी उसी ट्रेवेल एजेंसी से टिकट और वीजा दिया गया था। उन्हें भी कुवैत और जार्डन जाना था। सभी बोर्डिंग में पहुंचे तो चेकिंग के दौरान पता चला कि वीजा और एयर टिकट सब फर्जी है।
बंद मिले फोन
आमिर ने कहा कि जब एयरपोर्ट पर कर्मचारियों से ये बात सुनी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उनको यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिनको वह मामी मानता था, उन्होंने ही उसके साथ विश्ववासघात कर दिया. आमिर ने कहा उनको तुरंत फोन मिलाया लेकिन मामी के साथ ही तारिक और एजेंसी के नंबर भी बंद मिले.
उन्नाव पहुंचा तो मामी और तारिक सभी फरार थे। घटना की जानकारी पुलिस और उच्चाधिकारियों को दी। इसी के बाद ही सरोजनीनगर थाने में तहरीर दी गई है। इस पूरे मामले में सरोजनीनगर इंस्पेक्टर राजदेव प्रजापति ने मीडिया को बताया कि तहरीर के आधार पर रेशम, तारिक और ट्रेवेल एजेंसी संचालक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.