Atul Subhash Suicide Case: मां या दादी… किसके साथ रहेगा अतुल सुभाष का बेटा…सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

January 20, 2025 by No Comments

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Atul Subhash Suicide Case: पत्नी निकिता सिंघानिया पर प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद पिछले साल बेंगलुरु के टेक इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इसके बाद निकिता सिंघानिया के साथ ही उसकी मां और भाई को गिरफ्तार कर लिया गया था हालांकि जमानत पर वे बाहर हैं तो दूसरी ओर सुभाष के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल कर अपने 4 साल के पोते की कस्टडी की डिमांड की थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से उनको बड़ा झटका लगा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दादी अंजू देवी की मांग की याचिका खारिज कर दी है और बच्चे की कस्टडी उसकी मां निकिता सिंघानिया को सौंप दी है.

मालूम हो कि पिछले साल 9 दिसंबर को सुभाष ने बेंगलुरु स्थित फ्लैट में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता, सास निशा और साले अनुराग पर गंभीर आरोप लगाए थे। फिलहाल अब ये तीनों आरोपी जमानत पर हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए दूसरी बार न्यायालय ने बच्चे को देखने की मांग की थी। इसी के साथ ही कोर्ट ने सुभाष के 4 साल के बेटे को 30 मिनट के अंदर वीडियो लिंक के जरिए कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। मालूम हो कि निकिता सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को इस महीने की शुरुआत में जानकारी दी थी कि बच्चा हरियाणा के फरीदाबाद जिले में एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है। इसी के साथ ही वकील ने ये भी बताया था कि उसकी मां अब बच्चे को लेकर बेंगलुरु जाएगी।

तो वहीं अंजू देवी के वकील दुष्यंत सिंह ने कोर्ट से मांग की थी कि सुभाष के बच्चे की कस्टडी दादी को दे दी जाए. इसी के साथ ही वकील ने बताया था कि बहू उनसे अलग रह रही है, जिसने बच्चे का पता छिपा रखा है। साथ ही वकील ने कहा था कि निकिता को 6 साल की उम्र से पहले बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजना चाहिए था। इसी के साथ ही वकील ने कोर्ट में कुछ तस्वीरें भी पेश की गई थी, जिनमें याचिकाकर्ता कुछ साल के बच्चे के साथ दिख रही थीं। उसी समय 20 जनवरी को फैसला सुनाने के लिए कोर्ट ने कहा था.

हालांकि आज सुनवाई शुरू होने पर याचिकाकर्ता ने हलफनामा दायर करने के लिए एक सप्ताह की डिमांड की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। तो वहीं सुनवाई के दौरान जस्टिस नागरत्ना ने बच्चे को पेश नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता। तो वहीं आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 30 मिनट के अंदर बच्चे को वीडियो लिंक के जरिए पेश करने का आदेश दिया और फिर जब बच्चे को पेश किया गया तो कोर्ट ने उसकी कस्टडी मां निकिता को सौंप दी।

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