इसी के साथ ही चार सप्ताह बाद सुनवाई की बात कही है. साथ ही ये भी कहा है कि इस बीच अब इस कानून को चुनौती देने के लिए कोई और याचिका दाखिल नहीं की जाएगी.

इस फैसले को लेकर CJI डी वाई चंद्रचूड़ की ओर से कहा गया कि “हमारा मानना ​​है कि केशवानंद भारती में जिस हद तक अनुच्छेद 31(सी) को बरकरार रखा गया है, वह लागू रहेगा और यह सर्वसम्मत है.”

एक मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस जॉर्ज मसीह की पीठ ने दो टूक लहजे में कहा कि किसी भी वकील को डबल रोल निभाने की इजाजत नहीं दे सकते.

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