LUNAR ECLIPSE MAY 2022:चंद्रग्रहण 16 मई को, गर्भवती महिलाएं करें 7 उपाय, तुलसीदल वाला ही पिएं पानी, पूजा स्थल पर्दे से ढक कर रखें, देखें साल में कितने ग्रहण दिखाई पड़ेंगे भारत में
धर्म-अध्यात्म। साल 2022 मे चार ग्रहण लग रहे हैं। दूसरा ग्रहण 16 मई को है, जो कि खग्रास चंद्रग्रहण है, इसका सूतक भारत में मान्य नहीं होगा। अर्थात भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा। बावजूद इसके गर्भवती महिलाओं को सम्भल कर रहना होगा। हालांकि यह एक खगोलीय घटना है, लेकिन हिंदू धर्म की दृष्टि से देखा जाए तो धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ग्रहण काल के दौरान कई कार्यों का करना प्रतिबंधित किया गया है। वैसे तो 16 मई के चंद्रग्रहण का भारत पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस खगोलीय घटना के दौरान गर्भवती महिलाएं अपना ध्यान जरूर रखें और कुछ उपाय अवश्य करें। बावजूद इसके आचार्य सलाह देते हैं की पूजा के स्थल को पर्दे से बंद रखा जाए।
ये धार्मिक कार्य करें
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद, आचार्य कमलकांत कुलकर्णी बताते हैं कि गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान सुंदरकांड व देवी का पाठ व मंत्र का जाप करें। तुलसी पत्र वाला जल ही पिएं। ग्रहण खत्म होने के बाद फिर से स्नान करें और सफेद वस्तु का दान करें। इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है। इस दिन भगवान विष्णु के नवें अवतार बुद्ध का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा करें। घर में देव स्थानों पर पर्दा कर दें।
स्पर्श और मोक्ष का समय
ज्योतिषाचार्य पुष्पलता पाण्डेय ने बताया कि 16 मई को पड़ रहा खग्रास चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यह न्यूजीलैंड और जर्मनी में दिखेगा, साथ ही कनाडा के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। आचार्य कमलकांत कुलकर्णी बताते हैं कि भारत के समय के अनुसार सुबह 8 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और इसका मोक्ष काल सुबह ही 10 बजकर 23 मिनट है। चूंकि यह दिन में उस वक्त पड़ रहा है, जब सूर्योदय हो जाएगा, इसलिए भारत में इसका असर नहीं होगा।
2022 में चार ग्रहण
आचार्य पुष्पलता पाण्डेय बताती हैं कि इस साल कुल 4 ग्रहण पड़ रहे हैं। इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं। पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को पड़ चुका है और दूसरा चंद्रग्रहण 16 मई को है। ये दोनों ग्रहण ही भारत में मान्य नहीं होंगे, क्योंकि दोनों ही भारत में दिखाई नहीं देंगे, लेकिन 25 अक्टूबर को पड़ रहा सूर्यग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह शाम को 4.23 से 6.25 तक रहेगा। इसलिए यह खंडग्रास ग्रहण होगा। इसका प्रभाव पूरे भारत में होगा। साल का चौथा व अंतिम ग्रहण 8 नवम्बर को पड़ रहा है, जो कि चंद्रगहण है। इसका असर भारत पर होगा, लेकिन पूरे समय नहीं दिखेगा। मोक्ष के समय इसका असर भारत पर पड़ेगा। इसका मोक्ष काल शाम 6 बजकर 20 मिनट पर है औऱ इस दिन चंद्रमा उदय का समय 5 बजकर 20 मिनट है। इसलिए एक घंटा भारत में इसका असर दिखेगा। ये ग्रहण भी खग्रास ही है।
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ग्रहण का असर होता है पूरी मानवजाति पर
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ग्रहण का प्रभाव पूरी प्रकृति और मानवजाति पर किसी न किसी प्रकार से पड़ता है। चाहे ये किसी देश में दिखे या न दिखे। इसका प्रभाव अच्छा और बुरा दोनों प्रकार से हो सकता है। क्योंकि ग्रहण के समय सूर्य व चंद्र से निकलने वाली हानिकारक किरणें मनुष्य के जीवन को प्रभावित करती हैं। इन हानिकारक किरणों का प्रभाव सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। इसलिए इन लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के समय हमेशा ही गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए ये सात खास ख्याल
नुकीली चीजों का प्रयोग न करें। जैसे सब्जी आदि न काटें या फिर सिलाई-कढ़ाई आदि का काम न करें। अर्थात चाकू या सुई आदि का इस्तेमाल न करें। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने पर उनके शिशु के अन्दर विकृति आने की सम्भावना रहती है। अर्थात शारीरिक दोष हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान किसी भी कीमत पर घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस बात का ग्रहण के दौरान हमेशा ध्यान रखें, चाहे ग्रहण अपने देश में दिख रहा हो या नहीं।
सूर्य ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को तुलसी दल को जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ कर सकती हैं।
तुसलीदल डालकर ही पानी पीना चाहिए। इस दिन के लिए गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि जो पानी पिएं उस पूरे पानी में एक तुलसीदल डालकर रख दें और उसी का सेवन करें
सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिलाएं स्नान जरूर करें और दूसरे धुले वस्त्र पहन लें।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को मानसिक जप करना चाहिए। अर्थात मन ही मन प्रभु का स्मरण करते रहें। इससे गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद दान-पुण्य अवश्य करें। आचार्यों की मानें तो सफेद वस्तु का दान अवश्य करें।
DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)
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