Mahakumbh 2025: बसंत पंचमी पर हुए अमृत स्नान में साधु-संतों ने शाही अंदाज में निकाली झांकियां, देखिए भव्य तस्वीरें और Video
Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बसंत पंचमी के दिन यानी आज साधु-संतों ने शाही अंदाज में अमृत स्नान किया. इसकी तमाम तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमें सनातन परम्परा और संस्कृति का अद्भुत संगम साफ दिखाई दे रहा है.
शिवशक्ति समायुक्तं नागराजं महाशिवम्।
आदित्येन्द्रादि देवेशं प्रणमामि महेश्वरम्।।महाकुम्भ 2025 में तपस्या, ध्यान और संयम के माध्यम से विश्व को ब्रह्मज्ञान और कल्याण का मार्ग दिखा रहे सनातन के प्रहरी नागा साधुगण#बसंतोत्सव_महाकुम्भ pic.twitter.com/3QP6gqjvMP
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बता दें कि इससे पहले मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या का अमृत स्नान हो चुका है और अब 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर अमृत स्नान होगा.
यह सनातन संस्कृति का ‘अमृत काल’ है…
हमारी आध्यात्मिक चेतना के उत्कर्ष का ‘नव विहान’ है…#बसंतोत्सव_महाकुम्भ pic.twitter.com/9ZYmD2RgZH
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मालूम हो कि महाकुंभ का महत्व धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत ही अधिक है. इसे हिंदू धर्म में आस्था, विश्वास और एकता का प्रतीक माना जाता है.
कर्तव्यनिष्ठा के उदाहरण
महाकुम्भ पुलिस के जवानमहाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगमता के लिए पुलिस के जवान दिन-रात समर्पित हैं। #बसंतोत्सव_महाकुम्भ pic.twitter.com/klQoHGMBHJ
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मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
महाकुम्भ में दिख रही है भारत की आध्यात्मिकता, आस्था, श्रद्धा और संस्कृति की झलक।#बसंतोत्सव_महाकुम्भ pic.twitter.com/VEzTv7sWi0
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तो वहीं महाकुंभ के दौरान पड़ने वाली खास तिथियों (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि) पर अमृत स्नान करने से भी मोक्ष की प्राप्ति करने की बात कही जाती है.
प्रयागराज निवासी अनामिका श्रीवास्तव जी ने बताया कि ये उनका तीसरा अमृत स्नान है और उन्हें यहां किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हुई है #बसंतोत्सव_महाकुम्भ pic.twitter.com/pKV4cO0rlc
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इसी के साथ ही महाकुंभ में आध्यात्मिक ज्ञान और मानसिक शांति मिलती है.
यह सागर आस्था का
यह संगम है श्रद्धा का
यह पर्व है सनातन का
यह आह्वान है महाकुम्भ का#बसंतोत्सव_महाकुम्भ pic.twitter.com/j6HtFgi8b4
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महाकुंभ में दान-पुण्य किया जाता है.
ये भी मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है और साधु-संतों का भी आशीर्वाद मिलता है. मालूम हो कि महाकुंभ हर 12 साल में लगता है.
समस्त साधु-संतों के दिव्य दर्शन के लिए संगम तट पर श्रद्धालुओं का सागर उमड़ पड़ा। सभी श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर सन्यासियों का स्वागत एवं वंदन किया। संतों की भक्ति के रस में समस्त श्रद्धालु भी आनंदित हो उठे। #बसंतोत्सव_महाकुम्भ pic.twitter.com/0GTMlx2TH3
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महाकुंभ में कई तरह की आध्यात्मिक और धार्मिक सभाएं लगती हैं. महाकुंभ की मान्यता समुद्र मंथन की कहानी से जुड़ी हुई है.
तत्राभिषेकं यः कुर्यात् संगमे संशितव्रतः।
तुल्यं फलमवाप्नोति राजसूयाश्वमेधयोः॥जय माँ गंगे! pic.twitter.com/C0I1Awt2as
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स्वामी अवधेशानन्द ने कही ये बात
बसंत पंचमी पर हुए अमृत स्नान को लेकर स्वामी अवधेशानन्द ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ” “सर्वे भवन्तु सुखिन:” और “वसुधैव कुटुंबकम्” जैसे दिव्य उद्दाप्त भावों की उद्घोषक भारत की कालजयी -मृत्युजयी सनातन वैदिक संस्कृति और आध्यात्मिक प्रतिमानों की श्रेष्ठ अभिव्यक्ति महाकुम्भ 2025 प्रयागराज के अंतर्गत आज वसंत पंचमी के अवसर पर लोकमंगल की कामना से लाखों यातियों, नागा साधुओं-संन्यासियों और साधकों के साथ “तृतीय अमृत-स्नान” किया।” उन्होंने इसी पोस्ट में आगे लिखा, भारत की सांस्कृतिक – आध्यात्मिक संवेदनाओं की अभिरक्षा और सकुशल अमृत स्नान को सम्पन्न कराने में अप्रतिम योगदान देने वाले भारतीय संस्कृति के ज्योतिर्धर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। इस अमृत स्नान में शासन-प्रशासन के सहयोग, अनथक श्रम, श्रेष्ठ प्रबन्धन प्रशंसनीय है। (फोटो वीडियो क्रेडिट @MahaKumbh_2025)
“सर्वे भवन्तु सुखिन:” और “वसुधैव कुटुंबकम्” जैसे दिव्य उद्दाप्त भावों की उद्घोषक भारत की कालजयी -मृत्युजयी सनातन वैदिक संस्कृति और आध्यात्मिक प्रतिमानों की श्रेष्ठ अभिव्यक्ति महाकुम्भ 2025 प्रयागराज के अंतर्गत आज वसंत पंचमी के अवसर पर लोकमंगल की कामना से लाखों यातियों, नागा… pic.twitter.com/UdcEXuPHvh
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