Ram Navami-2024: राम नवमी पर करें ये 5 उपाय, दूर होगा आर्थिक संकट, मिलेगी रोगों से मुक्ति
Ram Navami 2024: चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है. इसी दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में सूर्यवंशी मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जन्म माता कौशल्या की कोख से हुआ था. इस बार ये राम नवमी 17 अप्रैल 2024 बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन चैत्र नवरात्रि की महानवमी होगी, जिसमें मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा की जाएगा. मान्यता है कि इस दिन रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करने से दुख दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि राम नवमी के दिन कुछ उपायों को करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा के साथ व्यक्ति अपने कार्य में लगा रहता है.
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि इस दिन प्याज-लहसुन आदि तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. अपने मन को शुद्ध रखकर भगवान की पूजा करनी चाहिए. युवाओं और बच्चों को गरीबों की मदद करनी चाहिए और अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान देना चाहिए.
रोग मुक्ति के लिए करें ये उपाय
रोग से मुक्ति के लिए राम नवमी की शाम को हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे हनुमान जी की कृपा बनी रहेगी और किसी भी प्रकार के रोग में ऐसा करने से आपको रोग से मुक्ति मिल सकती है।
दूर होगा आर्थिक संकट
राम नवमी के दिन शाम के समय एक लाल कपड़े में 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग और 11 बताशे बांधकर उस कपड़े को मां लक्ष्मी और भगवान राम को अर्पित कर दें। इस दौरान एक कटोरी में जल लेकर रामरक्षा मंत्र का 108 बार जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपको धन का लाभ हो सकता है।
सुख-शांति के लिए करें ये उपाय
परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए आप राम दरबार के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं। इस दौरान‘श्री राम जय राम जय जय राम’का 108 बार जाप करें।
दूर होगी विवाह की बाधा
अगर विवाह में कोई बाधा आ रही है, तो रामनवमी की शाम को भगवान राम और माता सीता को हल्दी, कुमकुम और चंदन अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से बाधाओं से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन किसी भी उपाय को करने से पहले मन में किसी तरह का पाप या फिर किसी के प्रति कोई दुर्भावना न रखें. मन को एकाग्रकर भगवान के प्रति खुद को समर्पित कर ही कोई उपाय सफल होगा.
संतान प्राप्ति के लिए करें ये काम
संतान प्राप्ति के लिए राम नवमी के दिन एक नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर मां सीता को अर्पित कर दें। इस दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।