महाकुंभ का महारिकॉर्ड…अब तक इतने करोड़ श्रद्धालुओं ने लगा ली श्रद्धा की डुबकी-Video

February 14, 2025 by No Comments

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Maha Kumbh-2025: उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर 13 जनवरी से महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है. यहां पवित्र स्नान के लिए न केवल देश बल्कि विदेश से भी लोग आ रहे हैं. तो वहीं पूरी दुनिया इस अद्भुत आयोजन पर आचंभित है. भले ही मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को भगदड़ की एक दुखद घटना हुई लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं का सैलाब थमा नहीं और लगातार लोग कुंभ की ओर बढ़े चले जा रहे हैं, भले ही कितने ही किलोमीटर पैदल क्यों न चलना पड़े, लेकिन सनातनियों में कुंभ स्नान को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा है. यहीन नहीं राजनीतिक और फिल्मी हस्तियां भी संगम में स्नान के लिए बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं.

इस दिव्य-भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ 2025’ ने 13 जनवरी से लेकर अब तक श्रद्धालुओं की डुबकी लगाने की संख्या का महारिकॉर्ड बना लिया है. यहां अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम कर चुके हैं और बड़ी बात ये है कि अभी 26 फरवरी तक महाकुंभ चलना है. माना जा रहा है कि कम से कम तब तक 60 से 65 करोड़ लोग स्नान कर चुके होंगे. यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही 45 करोड़ लोगों के महाकुंभ में पहुंचने का दावा कर दिया था.

तो वहीं आज केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से ताजा बयान सामने आया है और उन्होने कहा है कि प्रत्येक दिन महाकुंभ में नया रिकॉर्ड बन रहा है। महाकुंभ में जिस तरह से अब तक लोगों की आवक हुई है, 50 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में आकर संगम में डुबकी लगा चुके हैं। यह अपने आप में विश्व कीर्तिमान है। इस तरह से इस बार के महाकुंभ ने एक इतिहास रच दिया है.

इसे संख्या को किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता माना जा रहा है। इस विराट समागम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले लोगों की संख्या से अधिक है।

तो वहीं सोशल मीडिया पर यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट वायरल हो रही है. इसके मुताबिक, पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) आते हैं.

इस तरह से अगर महाकुंभ के इस महारिकॉर्ड को देखा जाए तो भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अधिक है। जबकि अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस और मैक्सिको की जनसंख्या को भी इस महाकुंभ ने पीछे छोड़ दिया है. इससे ये बात साफ जाहिर होती है कि महाकुंभ अब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह सनातन धर्म के विराट स्वरूप का प्रतीक बन चुका है।

बता दें कि प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था की डुबकी लगाने के लिए हर एक सनातनी उत्साह से भरा दिख रहा है. साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों द्वारा लगातार स्नान लगतार महारिकॉर्ड की ओर बढ़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था।

तो वहीं 1 फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य डुबकी लगाई. तो बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. माघी पूर्णिमा के अमृत स्नान के लिए करीब 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में स्नान किया तो वहीं नौकरी पेशा वाले लगातार शनिवार और रविवार को कुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, क्योंकि इन दोनों दिन अवकाश रहता है. इसलिए महाकुंभ में शनिवार और रविवार को अधिक भीड़ देखी जा रही है.

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