महाकुंभ का महारिकॉर्ड…अब तक इतने करोड़ श्रद्धालुओं ने लगा ली श्रद्धा की डुबकी-Video
Maha Kumbh-2025: उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर 13 जनवरी से महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है. यहां पवित्र स्नान के लिए न केवल देश बल्कि विदेश से भी लोग आ रहे हैं. तो वहीं पूरी दुनिया इस अद्भुत आयोजन पर आचंभित है. भले ही मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को भगदड़ की एक दुखद घटना हुई लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं का सैलाब थमा नहीं और लगातार लोग कुंभ की ओर बढ़े चले जा रहे हैं, भले ही कितने ही किलोमीटर पैदल क्यों न चलना पड़े, लेकिन सनातनियों में कुंभ स्नान को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा है. यहीन नहीं राजनीतिक और फिल्मी हस्तियां भी संगम में स्नान के लिए बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं.
इस दिव्य-भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ 2025’ ने 13 जनवरी से लेकर अब तक श्रद्धालुओं की डुबकी लगाने की संख्या का महारिकॉर्ड बना लिया है. यहां अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम कर चुके हैं और बड़ी बात ये है कि अभी 26 फरवरी तक महाकुंभ चलना है. माना जा रहा है कि कम से कम तब तक 60 से 65 करोड़ लोग स्नान कर चुके होंगे. यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही 45 करोड़ लोगों के महाकुंभ में पहुंचने का दावा कर दिया था.
पवित्र नदियों में स्नान करना पूर्वकर्मों के नाश और इस जीवन में सच्ची मुक्ति की ओर अग्रसर होने का प्रतीक है। कुम्भ मेला एकता, शांति और विभिन्न समुदायों के बीच सहयोग के आदर्शों को प्रतिष्ठित करता है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक परंपराओं को संसार के सामने… pic.twitter.com/wTVSTGnxKc
— Vivek Anand Oberoi (@vivekoberoi) February 14, 2025
तो वहीं आज केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से ताजा बयान सामने आया है और उन्होने कहा है कि प्रत्येक दिन महाकुंभ में नया रिकॉर्ड बन रहा है। महाकुंभ में जिस तरह से अब तक लोगों की आवक हुई है, 50 करोड़ से अधिक लोग महाकुंभ में आकर संगम में डुबकी लगा चुके हैं। यह अपने आप में विश्व कीर्तिमान है। इस तरह से इस बार के महाकुंभ ने एक इतिहास रच दिया है.
इसे संख्या को किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता माना जा रहा है। इस विराट समागम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले लोगों की संख्या से अधिक है।
बिहार से आए राम अवतार चौधरी ने कहा कि प्रशासन की उत्तम व्यवस्थाओं के कारण कल्पवास के समय उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। #MahaKumbh2025 pic.twitter.com/fESEtbBIHm
— Mahakumbh (@MahaKumbh_2025) February 14, 2025
तो वहीं सोशल मीडिया पर यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट वायरल हो रही है. इसके मुताबिक, पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) आते हैं.
Kalpvasi: A Journey of Faith, Austerity, and Salvation
Witness the untold stories of devotion and discipline as lakhs of Kalpvasis renounce worldly comforts to embrace the sacred month at Holy Sangam during Maha Kumbh 2025.
A timeless tradition, a path to moksha!… pic.twitter.com/wiFWppqXlH
— Mahakumbh (@MahaKumbh_2025) February 14, 2025
इस तरह से अगर महाकुंभ के इस महारिकॉर्ड को देखा जाए तो भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अधिक है। जबकि अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस और मैक्सिको की जनसंख्या को भी इस महाकुंभ ने पीछे छोड़ दिया है. इससे ये बात साफ जाहिर होती है कि महाकुंभ अब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह सनातन धर्म के विराट स्वरूप का प्रतीक बन चुका है।
महाकुम्भ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इसने सदियों से विश्वभर के लोगों को आकर्षित किया है।
गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम तट पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्ति, आस्था और परम्परा की इस अद्वितीय त्रिवेणी में एकत्र होते हैं…#सनातन_गर्व_महाकुम्भ_पर्व I… pic.twitter.com/W1pNC0AIDv
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बता दें कि प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था की डुबकी लगाने के लिए हर एक सनातनी उत्साह से भरा दिख रहा है. साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों द्वारा लगातार स्नान लगतार महारिकॉर्ड की ओर बढ़ता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था।
मध्यप्रदेश से आए मुद्रिका प्रसाद सोनी ने कहा कि महाकुम्भ की व्यवस्थाओं को देखकर बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि यहां की सभी व्यवस्थाएं अकल्पनीय हैं। #MahaKumbh2025 pic.twitter.com/bMqJVc8U1C
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तो वहीं 1 फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य डुबकी लगाई. तो बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. माघी पूर्णिमा के अमृत स्नान के लिए करीब 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में स्नान किया तो वहीं नौकरी पेशा वाले लगातार शनिवार और रविवार को कुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, क्योंकि इन दोनों दिन अवकाश रहता है. इसलिए महाकुंभ में शनिवार और रविवार को अधिक भीड़ देखी जा रही है.
Billionaire Anant Ambani has taken holy dip in Sangam with his wife….and here Nav Bouddh Binod who is working in Reliance with 12 LPA saying Mahakumbh is a gathering of the poor and illiterate.#karyağışı #KumbhMela2025 #KumbhMelaPrayagraj pic.twitter.com/oQ5HqIVZuW
— सी॰ए॰ अंकित गुप्ता 🇮🇳 (@gankitca) February 12, 2025