Papmochani Ekadashi: पापमोचनी एकादशी पर ना करें ये गलतियां…रूठ जाएंगे श्रीहरि, देखें देखें पूजन विधि, पढ़ें कथा
Papmochani Ekadashi: चैत्र कृष्ण एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं. शास्त्रों में दिया गया है कि इस दिन भगवान विष्णु को अर्घ्य दाने देकर षोडोशोपचार पूजा करनी चाहिए. इसके बाद चंदन, धूप, दीप, भोग आदि से पूजा करनी चाहिए. इस दिन झूठ बोलने से बचें. इस दिन ब्राह्मणों के साथ ही गरीबों को भी दान करना चाहिए. आचार्य सुशील कृष्ण द्विवेदी कहते हैं कि इस व्रत को करने से ब्रह्महत्या, भ्रूणहत्या, अहिंसा आदि के पापों से मुक्ति मिलती है. यानी अगर किसी तरह का पाप आपने किया है तो इस व्रत को करने से पाप कट जाते हैं.
इस दिन न करें ये काम
इस दिन काले रंग के कपड़े बिल्कुल भी न पहनें.
प्रात: दातुन न करें बल्कि नीबू, जामुन या आम के पत्ते चबाकर अंगुली से कंठ साफ करने की मान्यता बताई गई है. यदि ये संभव न हो, तो पानी से बार-बार कुल्ला करना चाहिए.
चावल, चने की शाक, प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा आदि का सेवन भूल कर भी न करें.
बाल, नाखून आदि भी इस दिन नहीं कटाना चाहिए. इससे घर में दरिद्रता आती है और दुर्भाग्य पीछा नहीं छोड़ता है.
पापमोचनी एकादशी पर व्रत करने वालों के सभी पाप धुल जाते हैं और पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहता है. इस दिन दान पुण्य अवश्य करें.
भगवान विष्णु के व्रत में तुलसी बहुत महत्वपूर्ण है. पापमोचनी एकादशी पर श्रीहरि को भोग में तुलसी डालकर अर्पित करें. इसके बिना वह भोग स्वीकार नहीं करते लेकिन एक दिन पहले ही तुलसी दल तोड़ कर रख लें. एकादशी पर तुलसी दल न तोड़ें. ऐसा करने से लक्ष्मी जी नाराज हो जाती है और धन हानि हो सकती है.
DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।