Putrada Ekadashi: पुत्रदा एकादशी पर करें ये आसान उपाय…पूरी होगी ये वाली मनोकामना; पूजन विधि से लेकर कथा तक पढ़ें यहां

August 15, 2024 by No Comments

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Putrada Ekadashi: श्रावण (सावन) शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं. वैसे तो एकादशी का व्रत प्रत्येक महीने में दो बार किया जाता है। शास्त्रों में इसका महान पुण्य बताया गया है। हर महीने की एकदशी से अधिक पुण्य सावन के महीने में पड़ने वाली एकादशी को माना जाता है। मान्यता है कि सावन के इस पवित्र महीने में इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से संतान की इच्छा रखने वालों की मनोकामना पूरी होती है।

करें ये उपाय
आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि अगर इस दिन दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें तो घर में होने वाले झगड़ों से निजात मिलती है। संतान की इच्छा रखने वालों को यह व्रत अवश्य करना चाहिए। पूरे मन और एकाग्रता से किए गए इस व्रत से संतान की प्राप्ति होती है। इसके लिए आपको संकल्प कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना होगा, लेकिन इसके लिए कुछ सावधानी भी बरतनी होगी।

ये बरतें सावधानी
मान्यता है कि एकादशी का व्रत पाप और रोगों का करता है। वृद्ध, बालक और रोगी को एकादशी का व्रत नही रखना चाहिये उनको चावल का त्याग करना चाहिए। अगर संतान प्राप्ति के उद्देश्य से ये व्रत कर रहे हैं तो सारा दिन व्रत रखकर भजन-कीर्तन करें। विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद वेदपाठी ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा देकर उनका आशिर्वाद प्राप्त करें। इस दौरान मन में अनुष्ठान के प्रति पूरी निष्ठा और एकाग्रता जरूर रखें। पूरे दिन भगवान का भजन-कीर्तन करें। रात में भगवान की मूर्ती के पास ही सोएं।

एकादशी व्रत से मिलते हैं ये पुण्य

सूर्यग्रहण में दान करने से कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से मिलता है। जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से मिलता है। एकादशी व्रत करने वालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। धन-धान्य के साथ संतान की वृद्धि होती है। कीर्ति-वैभव बढ़ता है।

कथा

Putrada-Ekadashi

DISCLAIMER:यह लेख धार्मिक मान्यताओं व धर्म शास्त्रों पर आधारित है। हम अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते। पाठक धर्म से जुड़े किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पुरोहित या आचार्य से अवश्य परामर्श ले लें। KhabarSting इसकी पुष्टि नहीं करता।)